September 20, 2024
Himachal

जवाली कॉलेज अभी भी सरकारी स्कूल के भरोसे, बच्चे जीर्ण-शीर्ण भवन में गुजारा कर रहे

नूरपुर, 11 जून कांगड़ा जिले के जवाली में सरकारी डिग्री कॉलेज पिछले छह सालों से स्थानीय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जीएसएसएस) के नवनिर्मित भवन में कब्जा जमाए बैठा है। इस कारण स्कूली बच्चों को पुराने जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों में काफी रोष है।

जवाली में सरकारी कॉलेज की स्थापना की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने फरवरी, 2018 में अपने जवाली दौरे के दौरान की थी। उसी साल इसका पहला सत्र शुरू हुआ था। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी व्यवस्था के तौर पर स्थानीय जीएसएसएस के नवनिर्मित भवन में कॉलेज की कक्षाएं शुरू की गईं। तत्कालीन सरकार ने कॉलेज भवन के निर्माण के लिए जीएसएसएस के बगल में भूमि की पहचान की थी, जहां वर्तमान में कॉलेज की कक्षाएं चल रही हैं, और भवन के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे।

स्कूल की जीर्ण-शीर्ण पुरानी इमारत का उपयोग अभी भी स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जा रहा है। सरकार बदलने के बाद से ही कॉलेज भवन का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। पता चला है कि सरकार कॉलेज भवन के निर्माण के लिए समलाना ग्राम पंचायत में दूसरी जगह जमीन की पहचान कर रही है, जिससे जवाली कस्बे के लोग काफी निराश हैं।

इस बीच, जीएसएसएस अभी भी अपने नवनिर्मित भवन पर कब्जा लेने का इंतजार कर रहा है। स्थानीय भाजपा नेता संजय गुलेरिया, जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जवाली निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था, ने आरोप लगाया कि हालांकि इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार कर रहे हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इस क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है।

उन्होंने मांग की कि सरकार कॉलेज परिसर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए पहले से चिन्हित भूमि पर तत्काल कार्य शुरू करे।

कॉलेज भवन का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ कॉलेज की स्थापना की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने फरवरी, 2018 में अपने जवाली दौरे के दौरान की थी राज्य शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी व्यवस्था के तहत स्थानीय सरकारी स्कूल के नवनिर्मित भवन में कॉलेज की कक्षाएं शुरू की गईं तत्कालीन सरकार ने कॉलेज भवन के निर्माण के लिए भूमि की पहचान की थी और भवन निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे हालांकि, कॉलेज भवन का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है।

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