राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत, ‘जी राम जी’ विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, उत्तराखंड स्कूलों में गीता पाठ, महाराष्ट्र निकाय चुनाव और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयानों पर प्रतिक्रिया दी।
‘जी राम जी’ बिल पर राजद प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह बिल संख्या बल के दम पर पास करा लिया गया है और राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। सरकार गांधी के नाम को हटाकर ‘हे राम’ की जगह ‘जी राम जी’ लाई है। कहीं निगाह कहीं निशाना है। यह मजदूरों के साथ अन्याय है। पहले 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती थी, अब राज्य सरकार को भी अपना हिस्सा देना होगा। 125 दिनों के काम की बात की जा रही है, जबकि 150 दिनों का काम मिलना चाहिए।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के ज्ञान की जरूरत नहीं है। देशवासियों को देशप्रेम पता है और इस देश के लिए मर-मिटने वाले कई योद्धा हैं। संघ केवल नफरत फैलाने का काम करती है, यह सभी को पता है। उत्तराखंड में गीता पाठ पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि क्या भगवद्गीता के श्लोक भाजपा के द्वारा लिखे गए हैं? भगवत गीता के श्लोक सभी पढ़ते हैं। सनातनी और हिन्दू पढ़ते हैं। स्कूलों में शिक्षा की स्थिति सुधारनी चाहिए। सिर्फ ज्ञान देने से काम नहीं चलेगा।
बिहार में अपराध पर उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का तांडव खत्म नहीं हो रहा, लेकिन अब कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि सरकार को जनादेश मिला है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा बेटे संतोष सुमन को बिहार सरकार में मंत्री पद छोड़ने की नसीहत देने पर राजद प्रवक्ता ने कहा कि मांझी कई मौकों पर अपनी पीड़ा बयां करते रहे हैं। 202 सीटें आने के बाद गठबंधन के सहयोगी दलों की पीड़ा दिखाई दे रही है। भाजपा क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने में लगी है। कई सहयोगी दलों को तोड़ा जा चुका है। मांझी की पार्टी पर भी खतरा मंडरा रहा है। उन्हें पद का मोह छोड़कर संघर्ष के मैदान में आना चाहिए, वहां कुछ नहीं मिलने वाला है।
महाराष्ट्र निकाय चुनाव पर राजद प्रवक्ता ने कहा कि वहां महायुति की सरकार है, इसलिए सरकार का लाभ इस तरह के चुनावों में मिलता है।

