February 7, 2025
National

मुडा और पॉक्सो केस में कर्नाटक हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, सीएम सिद्धारमैया और पूर्व सीएम येदियुरप्पा पर है आरोप

Karnataka High Court will give its verdict today in Muda and POCSO case, CM Siddaramaiah and former CM Yediyurappa are accused

कर्नाटक हाई कोर्ट आज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व सीएम येदियुरप्पा से जुड़े अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाएगा। दोनों नेताओं से जुड़े मामलों को आज फैसले के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

दरअसल, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया मुडा घोटाले में फंसे हैं, जबकि पूर्व सीएम येदियुरप्पा पर पॉक्सो का मामला चल रहा है। दोनों कद्दावरों से जुड़े इन मामलों पर हाई कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा।

बता दें कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) शहर के विकास कार्यों के लिए एक स्वायत्त संस्था है। जमीनों के अधिग्रहण और आवंटन का कार्य इसकी ही जिम्मेदारी है। भूमि घोटाले की वजह से इसे ‘मुडा’ नाम दिया गया है। साल 2004 से ही इस मामले में मुडा का नाम जुड़ता आ रहा है। यह मामला मुडा की तरफ से उस समय मुआवजे के तौर पर भूमि के पार्सल के आवंटन से जुड़ा है, जब राज्य के सीएम सिद्धारमैया थे।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं होने के कारण सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ। इस मामले में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग के अधिकारियों के नाम भी सामने आए।

जानकारी के अनुसार, मुडा घोटाला मामला करीब पांच हजार करोड़ रुपये का है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन ने कुछ जमीन गिफ्ट के तौर पर दी थी। यह जमीन मैसूर जिले के कैसारे गांव में स्थित है। बाद में इस जमीन को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) ने अधिग्रहित कर लिया। इसके बदले पार्वती को विजयनगर इलाके में 38,223 वर्ग फीट के प्लॉट दे दिए गए। आरोप है कि दक्षिण मैसूर के प्रमुख इलाके में मौजूद विजयनगर के प्लॉट की कीमत कैसारे गांव की उनकी मूल जमीन से बहुत अधिक है। इसी को लेकर सिद्धारमैया भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं।

वहीं, कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ बीते साल मार्च में (पॉक्सो) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। एक महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह मदद मांगने के लिए पूर्व सीएम के आवास पर गई, तो उनकी बेटी को परेशान किया गया था।

हालांकि, बाद में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा को अस्थायी राहत मिली थी। पॉक्सो मामले में हाई कोर्ट ने पुलिस को उन्हें गिरफ्तारी न करने का निर्देश दिया था।

येदियुरप्पा ने “नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न” के आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि वह मामले में किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा था, “मुझे पता चला कि एक महिला ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। मैं कानून के मुताबिक हर चीज का सामना करूंगा। मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी और इस स्तर पर यह नहीं कहूंगा कि यह राजनीति से प्रेरित है।”

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