विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्रीय सम्मेलन में राज्य विधानसभाओं की कार्यप्रणाली में बदलाव लाने के लिए उन्हें वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करने का मुद्दा उठाया।
हिमाचल में पहली ई-विधानसभा हिमाचल विधानसभा देश की पहली ई-विधानसभा है: कुलदीप पठानिया उन्होंने हाल ही में सदन की समितियों की बैठकें ऑनलाइन आयोजित करने को मंजूरी दी थी, जिससे कोरम की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हमेशा 94 प्रतिशत कार्य उत्पादकता रही, जबकि एक सत्र में यह 132 प्रतिशत रही पठानिया का प्रयास रहा है कि सभी विधायकों को बोलने का मौका मिले, चाहे वे वरिष्ठ हों या कनिष्ठ या किसी भी पार्टी के हों
इससे काम में कुशलता आएगी और सभी को योगदान देने का मौका मिलेगा
सम्मेलन की कार्यकारिणी बैठक में बोलते हुए पठानिया ने कहा कि विधानसभा सचिवालय स्वतंत्र है और विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए उसे अपनी वित्तीय स्वायत्तता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी भी आयोजन के लिए धन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए सरकार का सहयोग आवश्यक है। इसलिए विधानसभाओं को वित्तीय स्वायत्तता दी जानी चाहिए ताकि वे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें।”
पठानिया ने कहा कि हर विधानसभा के कामकाज के अपने नियम और सत्र संचालन का अपना तरीका होता है और उन्होंने भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अपने स्तर पर कुछ बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि संवाद और चर्चा से ही सकारात्मक नतीजे मिल सकते हैं, जो सभी की भागीदारी सुनिश्चित करके ही संभव है।”
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हमेशा 94 प्रतिशत उत्पादकता रही है, जबकि एक सत्र में यह 132 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा, “मेरा प्रयास रहा है कि सभी विधायकों को बोलने का मौका मिले, चाहे वे वरिष्ठ हों या कनिष्ठ या किसी भी पार्टी के हों। इससे काम में दक्षता आएगी और सभी को योगदान देने का मौका मिलेगा।”
पठानिया ने कहा कि सदन की कार्यवाही देखने के लिए स्कूली छात्रों को नियमित रूप से आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा, “जब बच्चे सदन की कार्यवाही देखेंगे तो माननीय सदस्य भी जिम्मेदारी से पेश आएंगे।”