हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संकलित एक “गुप्त” पत्र सामने आया है, जिसमें 370 पटवारियों (राजस्व अधिकारियों) को भ्रष्ट बताया गया है। इस सूची में 170 निजी व्यक्ति भी शामिल हैं, जो इन अधिकारियों के लिए बिचौलिए-सह-सहायक के रूप में काम करते हैं। संबंधित उपायुक्तों से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
अधिकारियों पर आरोप है कि वे राजस्व विभाग में लोगों से सीधे या बिचौलियों के माध्यम से पैसे लेते हैं। कैथल जिला 46 “भ्रष्ट” पटवारियों के साथ सूची में सबसे ऊपर है, जबकि पंचकूला जिले में कोई भी नहीं है। कैथल के बाद सोनीपत (41) और महेंद्रगढ़ (36) जिले हैं।
गुरुग्राम जिले में सबसे ज्यादा बिचौलिए (26) हैं, जो कथित तौर पर पटवारियों की ओर से पैसे लेते हैं। महेंद्रगढ़ जिले में ऐसे 20 व्यक्ति हैं।
दिलचस्प बात यह है कि रोहतक जिले में एक बिचौलिया पटवारी बनकर लोगों से राजस्व संबंधी कामों के लिए पैसे वसूल रहा है। पानीपत के बापौली ब्लॉक में बिचौलिया यूसुफ खान पर पहले से ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगे हुए हैं। सिरसा जिले में एक अन्य व्यक्ति पटवारी के ड्राइवर और बिचौलिए का काम भी कर रहा है।
महेंद्रगढ़ जिले में पटवारी प्रॉपर्टी डीलिंग (रियल एस्टेट एजेंट) में व्यस्त रहता है, लेकिन वह अपने ज़्यादातर सरकारी कामों के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहता है। पत्र में खुलासा किया गया है कि हिसार जिले में पटवारी शायद ही कभी काम पर आता है, जिससे लोगों को अपना काम करवाने के लिए रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है।
इसमें कई पटवारियों के नाम भी हैं जो सहायकों या बिचौलियों को शामिल किए बिना सीधे रिश्वत मांगते हैं। पत्र के अनुसार, ये अधिकारी कार्य की प्रकृति के आधार पर प्रति कार्य 200 रुपये से लेकर 5,000 रुपये या यहां तक कि 10,000 रुपये तक की रिश्वत मांगते हैं।
अधिकांश पटवारियों को उनकी वर्तमान पोस्टिंग 2023 या 2024 में मिली है, जबकि कुछ पटवारियां 2016 से ही एक ही स्थान पर कार्यरत हैं।
डिप्टी कमिश्नरों को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि ये निजी व्यक्ति (बिचौलिए) प्रशासनिक कार्यों को संभालने में शामिल हैं, जिससे व्यापक भ्रष्टाचार और जनता का शोषण होता है। एक पटवारी आमतौर पर ‘खाता तकसीम’ (भूमि अभिलेखों का विभाजन), भूमि माप, संपत्ति का म्यूटेशन और भूमि अभिलेखों में सुधार आदि का काम करता है।
सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भ्रष्टाचार के प्रति भाजपा सरकार की शून्य सहनशीलता की नीति दोहराई।
वित्त आयुक्त-सह-एसीएस, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे भ्रष्ट आचरण में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और 15 दिनों के भीतर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
Leave feedback about this