लुधियाना, 8 जुलाई, 2025 : डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने आज मानसून सीजन के दौरान संभावित बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमरजीत बैंस, शिखा भगत, कुलप्रीत सिंह, सभी उप-मंडल मजिस्ट्रेट और ड्रेनेज, नगर निगम, एनडीआरएफ, पीएसपीसीएल, शिक्षा, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पंचायत, कृषि, पशुपालन, वन, जल आपूर्ति और स्वच्छता, पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने तटबंधों, जल निकासी प्रणालियों और बाढ़ अवरोधों की स्थिति सहित बाढ़ सुरक्षा उपायों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पानी के पंप, जनरेटर, बचाव नौकाएं और अन्य आवश्यक उपकरण चालू हों और बाढ़ संभावित स्थानों पर तैनात हों। उन्होंने घोषणा की कि बाढ़ से संबंधित स्थितियों की निगरानी और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जिला और उप-मंडल स्तर पर 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
बाढ़ से विस्थापित नागरिकों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाने, भोजन, पेयजल, स्वच्छता सुविधाएं और बिस्तर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए। डिप्टी कमिश्नर ने निर्बाध अंतर-विभागीय समन्वय पर जोर दिया, बाढ़ के जोखिम और उपायों पर नियमित ब्रीफिंग और वास्तविक समय पर अपडेट देने का निर्देश दिया। आपात स्थिति के दौरान सटीक और समय पर सूचना प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत संचार प्रोटोकॉल स्थापित किया गया है।
एसडीएम और अन्य विभागीय अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर जमीनी हालात का आकलन करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग को जलजनित बीमारियों और बाढ़ से संबंधित अन्य स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए मेडिकल टीमें, एंबुलेंस, दवाएं, प्राथमिक चिकित्सा किट और टीके तैयार करने के निर्देश दिए गए।
ग्रामीण जीवन और आजीविका पर बाढ़ के प्रभाव को देखते हुए, पशुपालन और कृषि विभागों को पशुओं के लिए निकासी योजनाएँ तैयार करने और राहत केंद्रों पर चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया। जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को मौसम संबंधी एजेंसियों के साथ मिलकर मौसम पूर्वानुमान प्राप्त करने और एसएमएस, रेडियो और सार्वजनिक घोषणाओं के माध्यम से जोखिम वाले क्षेत्रों में निवासियों को तत्काल अलर्ट जारी करने का निर्देश दिया गया।
पीएसपीसीएल को बाढ़ के दौरान बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और अस्पतालों तथा नियंत्रण कक्षों जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए बैकअप बिजली की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। लोक निर्माण विभाग को बाढ़ के दौरान पुलों और सड़कों की मजबूती सुनिश्चित करने और संपर्क बनाए रखने के लिए निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया।
अंत में, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को बाढ़ की स्थिति के दौरान निवासियों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
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