मध्य प्रदेश के प्रवास पर आए केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश वन आधारित ईको टूरिज्म की दृष्टि से और अपनी संस्कृति के कारण भारत का विशिष्ट राज्य है।
उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में वन विभाग के संबंध में दो बड़ी गतिविधियों का आयोजन किया गया है। यहां नेशनल कंजर्वेटर टाइगर अथॉरिटी (एनसीटीए) की बैठक हो रही है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में कुछ निर्णय लिए थे। इनमें विशेष रूप से चार विषय हैं, जिनमें से प्रमुख है कि जो टाइगर वन क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं, उनके संबंध में व्यापक योजना पर चर्चा की जाए। भविष्य में गुजरात के बन्नी और मध्य प्रदेश के गांधी सागर में चीतों को ले जाया जा सके, इस कार्य योजना पर विचार किया गया और 58वें टाइगर रिजर्व पर भी बात की गई।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में 58वां टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के शिवपुरी को मिला है, माधव नेशनल पार्क के तौर पर। मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट है। बैठक में इस पर चर्चा की गई। उन्होंने आगे बताया कि इस बैठक में विशेषज्ञ दल द्वारा जनजातीय समाज के वन अधिकारों और सरकार की नीतियों के अनुसार जो वन उपज है, उससे लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जाए, उसकी भी चर्चा हुई है।
उन्होंने मध्य प्रदेश की विविधता और संपन्नता की चर्चा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश वन आधारित दृष्टि से, ईको टूरिज्म की दृष्टि से, अपनी सांस्कृतिक धरोहर की दृष्टि से, भारत का विशिष्ट राज्य है और मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के टूरिज्म के विस्तार के लिए, वन क्षेत्र के विस्तार के लिए और इस क्षेत्र में रहने वाली जनजातियों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने मध्य प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में वन पुनर्स्थापन, जलवायु परिवर्तन और समुदाय-आधारित आजीविका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में आयोजित हो रही है।
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