सीएसआईआर-हिमालयी जैवसंसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान ने आज अपने परिसर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया। यह दिवस 1928 में सर सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस वर्ष के समारोह का विषय है “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना”।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में आस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, आस्ट्रेलिया के डॉ. बैरी पोगसन मुख्य अतिथि थे।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने फसल सुधार के लिए नई प्रजनन तकनीकों पर प्रकाश डाला और बदलते परिवेश में उनके अवसरों और बाधाओं पर चर्चा की। उन्होंने कौशल, सटीकता और उन प्रमुख सवालों के जवाब खोजने पर जोर दिया जो समय की मांग थे।
स्वीडन के स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर के डॉ. ऋषिकेश भालेराव इस समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “विज्ञान में और अधिक निवेश की आवश्यकता है। सही उम्र में युवा दिमागों को आकर्षित करने की आवश्यकता है।”
इससे पहले, सीएसआईआर-हिमालय जैवसंसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव ने अतिथियों का स्वागत किया और इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने प्रतिभागियों को संस्थान के वैज्ञानिक प्रयासों और किस तरह से वे जैव-अर्थव्यवस्था और आम लोगों की आजीविका में सुधार करने में सक्षम हुए हैं, के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने विशेष रूप से फूलों की खेती और सुगंध मिशन का उदाहरण दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान को उभरती समस्याओं और राष्ट्रीय जरूरतों को संबोधित करना चाहिए। उन्होंने जिज्ञासा पहल और कौशल विकास कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला जो युवाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। उन्होंने सभी से एक साथ आने और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
इस अवसर पर सूखे फूलों से निर्मित कलाकृतियों पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि किसानों के बीच पेओनी और मैरीगोल्ड की गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री वितरित की गई।
इसके अतिरिक्त संस्थान के कर्मचारी एवं छात्र, ईएमबीओ कार्यशाला एवं आस-पास के संगठनों के प्रतिभागी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, जिया, कांगड़ा के स्कूली छात्र एवं अध्यापकों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के साथ ही सीएसआईआर-हिमालयी जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित चार दिवसीय यूरोपीय आणविक जीवविज्ञान संगठन (ईएमबीओ) अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन भी हुआ।