February 21, 2025
Punjab

सांसद सतनाम सिंह संधू ने संसद में उठाया श्री दरबार साहिब पर 1984 में हुए हमले का मुद्दा

13 फरवरी, 2025-26 के केंद्रीय बजट को समावेशी बताते हुए सांसद (राज्यसभा) सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यह बजट कोई वित्तीय दस्तावेज नहीं है। बल्कि, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘विज़न डॉक्यूमेंट’ है जो नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा।
संसद के बजट सत्र के दौरान सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए एक राज्यसभा सदस्य ने कहा कि केन्द्रीय बजट से मध्यम वर्गीय परिवारों को काफी लाभ हुआ है। क्योंकि इससे कर के बोझ में भारी कमी आई है, जिससे लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिली है।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि यह आजादी के बाद से सबसे अधिक मध्यम वर्गीय परिवार अनुकूल बजट है।” किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस देश में 12 लाख रुपये की वार्षिक आय को कर-मुक्त कर दिया जाएगा।

इसके बाद संधू ने कहा कि शिक्षा रोजगार का मुख्य आधार है, इसलिए एक शिक्षाविद् के तौर पर उन्हें यह देखकर खुशी हो रही है कि भारत अब जर्मनी, जापान और फ्रांस जैसे विकसित देशों की राह पर चल रहा है, जहां पहली बार प्राथमिक या स्कूली शिक्षा के लिए 61% बजट आवंटित किया गया है। आज यह गर्व की बात है कि हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर, डिजिटल और तकनीकी रूप से सक्षम भारत का निर्माण कर रहे हैं।

यह बजट न केवल आर्थिक प्रगति की दिशा में एक कदम है, बल्कि एक विज़न डॉक्यूमेंट भी है जो युवाओं के भविष्य को आकार देगा।
उन्होंने कहा कि उद्योगों में सर्वोच्च पदों पर आसीन अधिकारी हमारे भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्र हैं। संधू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अधिक सुधार लाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में आईआईटी में छात्रों की संख्या 100 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख हो गई है। यह नवाचार का वह बीज है जो भविष्य में आधुनिक शोध को जन्म देगा और भारत को विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी नेतृत्व में अग्रणी बनाएगा।

पेरिस में कल संपन्न हुए एआई एक्शन समिट के बारे में संधू ने कहा, “आज हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है क्योंकि भारत को पेरिस में ग्लोबल एआई समिट का सह-अध्यक्ष बनाया गया है। हमने देखा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने न केवल मोदी जी के विजन को स्वीकार किया, बल्कि दुनिया को इससे सीखने के लिए भी कहा। यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक एआई शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत लेकर आए हैं।
संधू ने कहा कि मोदी सरकार का ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ का सपना अब तेजी से हकीकत बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए कौशल के लिए पांच नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार ने 2014 के बाद स्थापित 5 नए आईआईटी में 6,500 और छात्रों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करने का निर्णय लिया है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा सीटें जोड़ी गई हैं, जो 130 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। अब अगले पांच वर्षों में मेडिकल सीटों की संख्या 75,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा गया है। इससे मोदी सरकार की ‘सबको स्वास्थ्य, सबको शिक्षा’ की नीति को और मजबूती मिलेगी।

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि आज दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की ताकत को पहचान रही है और भारत भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। पिछले बजट में तीन एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की घोषणा की गई थी, लेकिन इस बार 500 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक नए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की घोषणा की गई है, जो शिक्षा में एआई का उपयोग करके सीखने के अनुभव को और बेहतर बनाएगा।

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि चूंकि भारत का डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र अब वैश्विक व्यापार तक पहुंच रहा है, भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) एक एकीकृत डिजिटल व्यापार मंच होगा, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगा। यह एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म का पूरक होगा और भारत को वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि नए भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का रोडमैप है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम युवाओं को शिक्षित, कुशल और डिजिटल रूप से सशक्त बना रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम मेड इन इंडिया से आगे बढ़कर मेड फॉर द वर्ल्ड की ओर बढ़ें।

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की प्रगति को देख रही है, लेकिन इन दिनों भारत ‘विश्व के सबसे बड़े समागम’ के कारण ज्यादा सुर्खियों में है। देश-दुनिया से 40 करोड़ लोग महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाने आ रहे हैं। कुछ लोग इतने बड़े त्योहार को आर्थिक नजरिए से भी देखते हैं। उनका अनुमान है कि महाकुंभ से 3.25 लाख करोड़ रुपये की आय होगी। लेकिन जिस पवित्र जल को हम अमृत मानकर उसमें डुबकी लगाते हैं, कुछ लोग उसे गंदा पानी बता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि इससे पाप या दरिद्रता नहीं धुलती। जब धार्मिक आस्था का मजाक उड़ाया जाता है तो दिल को ठेस पहुंचती है और जब इसका मजाक उड़ाने वाले लोग इस संसद में बैठे हों तो दुख के साथ-साथ निराशा भी होती है। अब इसके लिए चाहे जितनी भी सफाई दी जाए, ये पाप धुलने वाले नहीं हैं। इतिहास गवाह है कि जब भी आस्था को ठेस पहुंची है, बड़ा नुकसान हुआ है और देश कमजोर हुआ है। उन्होंने इस दावे पर कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, जहां चल रहे कुंभ मेले के दौरान लाखों लोग डुबकी लगा रहे हैं।

दिवंगत प्रख्यात पंजाबी कवि सुरजीत पातर की प्रसिद्ध कविता की पंक्तियां, ‘तुम कुछ कहोगे तो अंधेरा कैसे फैलेगा, तुम चुप रहोगे तो शमादान क्या कहेगा?’ का हवाला देते हुए संधू ने कहा कि वह पंजाब से हैं और सिख आस्था का सबसे बड़ा केंद्र स्वर्ण मंदिर है, जिसके चार द्वार सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। लेकिन 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना को टैंक और तोपों के साथ भेजकर श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त कर दिया गया। इसे केवल कानून और व्यवस्था के नजरिए से देखा गया, लेकिन सिखों की आस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसका दर्द हम आज भी झेल रहे हैं।

“मेरी राय में, यह सिखों के साथ किया गया सबसे बड़ा अन्याय है।” ऐसा अनुमान है कि उस अंधकारमय अवधि के दौरान 25,000 युवाओं को उनके घरों से उठा लिया गया था। देश में ऐसी कठोरता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पंजाब ने हमेशा ही देश का बहादुर और सक्षम बेटा होने का परिचय दिया है। खाद्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करके पंजाब ने हमेशा देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है। लेकिन पिछली सरकारों ने केवल पंजाब का इस्तेमाल किया है। लेकिन पिछले 60 वर्षों में जो हालात बिगड़े थे, आज उनमें सुधार हो रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी, जिससे 23 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं। इसके साथ ही एमएसपी का सबसे ज्यादा लाभ पंजाब के किसानों को मिल रहा है।

केंद्रीय बजट में घोषित पांडुलिपियों के लिए एक नए मिशन की घोषणा पर, राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारत की प्राचीन पांडुलिपियों और ज्ञान भंडार को डिजिटल बनाने के लिए ज्ञान भारत मिशन शुरू किया जाएगा, जो 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को संरक्षित करेगा। साथ ही, भारतीय ज्ञान प्रणालियों का एक राष्ट्रीय डिजिटल भंडार बनाया जाएगा ताकि हमारी समृद्ध साहित्यिक विरासत भावी पीढ़ियों के लिए सुलभ रहे। संधू ने कहा कि आज का भारत सिर्फ डिग्री हासिल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि ज्ञान के वास्तविक अनुप्रयोग और कौशल विकास की ओर बढ़ रहा है। इस दिशा में “भारतीय भाषा पुस्तक योजना” लागू की जा रही है, जो स्कूली और उच्च शिक्षा के छात्रों को डिजिटल प्रारूप में भारतीय भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध कराएगी। इससे न केवल विद्यार्थियों की समझ मजबूत होगी बल्कि सम्पूर्ण वसुधैव कुटुम्बक की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत पंजाब को प्रदान किए जा रहे लाभों के बारे में राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पंजाब में लगभग 35 लाख जल कनेक्शनों के साथ 100 प्रतिशत घरों में पानी की आपूर्ति की गई है। इसी प्रकार, लगभग 1.5 मिलियन गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत पंजाब में लगभग 95 लाख बैंक खाते खोले गए हैं। इनमें से लगभग 51 लाख बैंक खाते महिलाओं के हैं।

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि ‘विकसित भारत और विकसित पंजाब’ की अवधारणा महज एक सपना नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा उठाए गए मजबूत कदमों और साहसिक नीतियों का परिणाम है। इस बजट ने हमें यह विश्वास दिलाया है कि हमने इस सदी की पहली तिमाही में एक नए भारत की नींव सफलतापूर्वक रख दी है। जब सूर्य उदय होता है तो सारा अंधकार गायब हो जाता है। जब दीये जलते हैं तो हर कोना प्रकाशमय हो जाता है और जब नीति सही होती है तो हर भारतीय सशक्त हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह बजट एक नया सवेरा लेकर आया है, एक ऐसा सवेरा जहां शिक्षा का प्रकाश, टेक्नोलॉजी की चमक और आत्मनिर्भरता का संकल्प हर भारतीय को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। पीएम मोदी ने इस बजट से मध्यम वर्गीय परिवारों को बहुत खुश कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट इतना प्रगतिशील है कि वित्त मंत्री ने इस बजट में 17 बार ‘रोजगार’ शब्द का प्रयोग किया है।

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यह बजट संभावनाओं का बिगुल, नवाचार का आह्वान और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का आधार है। उन्होंने केंद्रीय बजट का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि अब हम केवल ‘मेड इन इंडिया’ की दिशा में ही नहीं, बल्कि हमें ‘मेड फॉर द वर्ल्ड’ की दिशा में भी आगे बढ़ना है।

Leave feedback about this

  • Service