केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण (टीओटी) कार्यक्रम दून वैली पब्लिक स्कूल, नालागढ़ में धूमधाम से संपन्न हुआ।
सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम), भारत सरकार और सीबीएसई के उत्कृष्टता प्रशिक्षण इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के एकीकरण के अनुरूप व्यावसायिक दक्षताओं को बढ़ाना था।
कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के 106 से अधिक शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ISTM के उप निदेशक पुष्पेंद्र कुमार और शिमला के होटल प्रबंधन संस्थान की विभागाध्यक्ष कीर्ति पुरी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। दून वैली पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक राजीव शर्मा और प्रधानाचार्य देवेंद्र महल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया।
व्यक्तिगत जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए, उपस्थित लोगों को दो बैचों में विभाजित किया गया और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के विश्लेषण, वयस्क शिक्षा सिद्धांतों और सुविधा तकनीकों पर गहन सत्रों से अवगत कराया गया। मुख्य विषयों में सिंडिकेट प्रस्तुतियाँ, एनईपी 2020 पर आधारित सहकर्मी मूल्यांकन, आईसीटी अनुप्रयोग और अभिनव कक्षा प्रबंधन रणनीतियाँ शामिल थीं।
चंडीगढ़ बैपटिस्ट स्कूल के प्रिंसिपल अरुण मसीह ने एनईपी 2020 के बारे में गहन जानकारी दी और अनुभवात्मक शिक्षा, समानता, गुणवत्ता, पहुंच, सामर्थ्य और जवाबदेही के प्रति इसकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक भविष्य के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करने के लिए बहु-विषयक और लचीले पाठ्यक्रम के महत्व पर जोर दिया।
सीबीएसई के आधिकारिक प्रतिनिधि दीवान चंद ने पूरे सत्र के दौरान महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया, जिससे सुचारू समन्वय और प्रभावी वितरण सुनिश्चित हुआ।
शिक्षकों ने रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल उपकरण, ई-सामग्री निर्माण, सहयोगी शिक्षण मॉडल और तकनीकों का पता लगाया। सत्रों ने सिद्धांत को व्यावहारिक अभ्यास के साथ सहजता से मिश्रित किया, जिससे सीखना आकर्षक और प्रभावी दोनों बन गया।
प्रतिभागियों ने प्रस्तुतियों और विचारों के माध्यम से सक्रिय रूप से योगदान दिया, अपने निष्कर्षों को सुदृढ़ किया और शैक्षिक परिवर्तन के लिए साझा प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। कार्यशाला का समापन संरचित और दूरदर्शी प्रशिक्षण पहल के लिए अत्यधिक प्रशंसा के साथ हुआ।
स्कूल प्रबंधन ने सीबीएसई, प्रशिक्षकों और सभी प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा इस कार्यक्रम को 21वीं सदी की शिक्षा की पुनर्कल्पना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
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