December 14, 2024
National

एनडीए सांसदों ने ‘संविधान पर चर्चा’ और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को देश के लिए जरूरी बताया

NDA MPs termed ‘Discussion on Constitution’ and ‘One Nation, One Election’ as necessary for the country.

नई दिल्ली, 13 दिसंबर । केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को मंजूरी दे दी है। अब इस पर लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। वहीं, शुक्रवार को सदन में संविधान पर चर्चा हो रही है।

एनडीए दल के नेताओं ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात करते हुए इन दोनों को देश के लिए जरूरी बताया। भारतीय जनता पार्टी से सांसद निशिकांत दुबे ने संविधान पर चर्चा को लेकर बोला, “हमारे पूर्वजों ने देश के लिए बहुत कुर्बानी दी, जिसके बाद देश स्वतंत्र हुआ। संविधान बनाने के लिए उन्होंने बहुत चर्चाएं की, लेकिन आज की चर्चा को देखेंगे तो लगेगा जमीन-आसमान का फर्क है।”

वहीं, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्ष को चाहिए कि इस पर चर्चा हो।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ” ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब आगे का काम इससे संबंधित मंत्रालय करेंगे। विपक्ष को सदन में अच्छी चर्चा करनी चाहिए।”

जनता दल (यूनाइटेड) से सांसद संजय झा ने संविधान पर चर्चा को लेकर बोला, “यह बहुत अच्छी बात है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। सभी को शांति से अपनी बात रखने देना चाहिए। कब और किसने संविधान पर खतरा लाया, इस मुद्दे पर भी बात होनी चाहिए। बिहार के कौन से गवर्नर ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उसके खिलाफ फैसला सुनाया था। लोगों को याद दिलाना चाहिए, संविधान पर कब-कब खतरा आया।”

उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा में वही लोग संविधान में खतरे होने की बात कह रहे थे, जिनके द्वारा संविधान को खतरे में लाया गया। वहीं, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को संजय झार ने स्वागत योग्य कदम बताया।

केंद्रीय मंत्री प्रताप राव जाधव ने संविधान पर चर्चा को लेकर कहा, इस पर चर्चा के लिए कई सांसदों ने मांग की थी, जिसको लोकसभा के अध्यक्ष ने मान लिया। शुक्रवार को सवाल होंगे, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसका जवाब देंगे।

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर उन्होंने कहा, “हमारे देश में कई चुनाव होते हैं। जिसके कारण कई महीनों तक आचार संहिता लग जाती है। देश का काम ठप हो जाता है। इसमें बहुत पैसा खर्च होता है, विकास पर भी असर दिखता है। ऐसे में अगर ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ लागू हो जाए, तो पैसों और समय की बचत होगी। वहीं, हम तेज गति से आगे बढ़ेंगे।”

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