अमरावती, 17 अक्टूबर । बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का क्षेत्र गुरुवार सुबह पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच के तट को पार कर गया। इस कारण दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा इलाकों में आज भारी बारिश जारी रही।
भारी बारिश से रायलसीमा क्षेत्र और नेल्लोर, प्रकाशम, गुंटूर, पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
समुद्र में ऊंची लहरें उठीं, जिससे विशाखापत्तनम, काकीनाडा और डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा जिलों में तट के किनारे ऊंची लहरें उठीं।
विशाखापत्तनम तट पर समुद्र की स्थिति खराब रही। ऊंची लहरों के कारण काकीनाडा के उप्पाडा में समुद्र अशांत रहा। कुछ स्थानों पर घरों को नुकसान पहुंचा और पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए।
कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल में ओडालारेवु बीच पर भी समुद्र अशांत रहा। समुद्र का पानी तेल और प्राकृतिक गैस निगम के प्लांट को छू गया।
वहीं, कोनासीमा जिले में समुद्री पानी ने एक्वा फार्म को भी जलमग्न कर दिया। अंतरवेदी में भी ऊंची ज्वारीय लहरें देखी गईं, जहां गोदावरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
अधिकारियों ने निजामपट्टन, कृष्णापट्टनम और मछलीपट्टनम में तीसरा अलर्ट जारी किया है, जबकि विशाखापट्टनम और गंगावरम बंदरगाहों पर पहला अलर्ट दिया गया है।
मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी है कि 1.5 मीटर तक की ज्वारीय लहरें उठने की संभावना है। इसको लेकर अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे बंदरगाहों पर सभी तरह के एहतियात बरतें।
इसके अलावा भारी बारिश से नेल्लोर जिले में कई इलाकों में नाले और नदियां उफान पर हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया और चेन्नई के उत्तर के करीब पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच उत्तर तमिलनाडु-दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों को पार कर गया।
आईएमडी ने दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश तथा रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है।
पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी तथा दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 25-35 किमी प्रति घंटे से लेकर 45 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। समुद्र में मध्यम से लेकर उग्र मौसम की स्थिति बनी रहने की संभावना है।
मछुआरों को पश्चिम मध्य तथा उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है। रायलसीमा के चित्तूर तथा वाईएसआर कडप्पा जिलों में कम से लेकर मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कलेक्टरों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सिंचाई परियोजनाओं में जल प्रवाह के प्रबंधन में आवश्यक सावधानी बरतने को कहा है।
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