May 24, 2025
National

नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कारोबारी गौतम अदाणी से की मुलाकात

North East Investors Summit 2025: Jyotiraditya Scindia meets businessman Gautam Adani

देश की राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम के दौरान अदाणी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अदाणी से मुलाकात की।

गौतम अदाणी ने नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की, जिससे इस क्षेत्र की संभावनाओं में प्रमुख उद्यमों की बढ़ती रुचि को बल मिला। इस घोषणा को क्षेत्र के समग्र विकास और औद्योगिक विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इससे पहले, शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत प्रमुखों की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में अवसरों को लेकर उनके उत्साह पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को बधाई देते हुए निवेश के अनुकूल माहौल बनाने में उनके प्रयासों की सराहना की। शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट की प्रशंसा करते हुए क्षेत्र के निरंतर विकास और समृद्धि की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे विविधतापूर्ण राष्ट्र के रूप में देश की स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर हमारे विविधतापूर्ण राष्ट्र का सबसे विविध क्षेत्र है। उन्होंने व्यापार, परंपरा, वस्त्र और पर्यटन में व्याप्त संभावनाओं पर बल देते हुए कहा कि इस क्षेत्र की विविधता इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर एक संपन्न जैव-अर्थव्यवस्था, बांस उद्योग, चाय उत्पादन और पेट्रोलियम तथा खेल और कौशल के साथ-साथ इको-टूरिज्म के लिए एक उभरते हुए केंद्र का पर्याय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र न केवल जैविक उत्पादों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है बल्कि ऊर्जा के एक पावरहाउस के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। उन्होंने पुष्टि की कि पूर्वोत्तर अष्टलक्ष्मी का सार है, जो समृद्धि और अवसर लाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शक्ति के साथ, हर पूर्वोत्तर राज्य निवेश और नेतृत्व के लिए अपनी तत्परता की घोषणा कर रहा है। विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में पूर्वी भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को इसका सबसे महत्वपूर्ण घटक बताया।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए, पूर्वी क्षेत्र सिर्फ एक दिशा नहीं है, बल्कि एक दृष्टि है और इसे सशक्त बनाना, इसके लिए कार्य करना, इसे मजबूत बनाना और इसमें बदलाव लाना, इस क्षेत्र के लिए नीतिगत रूपरेखा को परिभाषित करता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस दृष्टिकोण ने पूर्वी भारत, विशेष रूप से पूर्वोत्तर को भारत के विकास पथ के केंद्र में रखा है। प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में हुए परिवर्तनकारी बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रगति केवल आंकड़ों में नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर भी दिख रही है।

विकास को गति देने और बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर इस उन्नति के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जिसमें केंद्र सरकार शिक्षा और कौशल निर्माण पहलों में पर्याप्त निवेश कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में पूर्वोत्तर के शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। उन्होंने 800 से अधिक नए स्कूलों, क्षेत्र के पहले एम्स, नौ नए मेडिकल कॉलेजों और दो नए आईआईआईटी की स्थापना सहित प्रमुख विकासों का उल्लेख किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मिजोरम में भारतीय जनसंचार संस्थान परिसर और पूरे क्षेत्र में लगभग 200 नए कौशल विकास संस्थानों के निर्माण का उदाहरण दिया।

इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार भी उपस्थित थे।

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