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अधिकारियों ने जल बोर्ड में जानबूझकर वित्तीय संकट पैदा कर दिल्ली को बना दिया नर्क : आतिशी

Officials have made Delhi a hell by deliberately creating financial crisis in the Jal Board: Atishi

नई दिल्ली, 23 अगस्त। दिल्ली में पैदा सीवर संकट को लेकर राज्य की जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने मुख्य सचिव को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड में “जानबूझकर” वित्तीय संकट पैदा कर दिल्ली के लोगों का जीवन नर्क बनाने का आरोप लगाया है।

सीवर ओवरफ्लो की समस्या पर गंभीर चिंता जताते हुए आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़े निर्देश जारी किए। बार-बार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जल मंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा है कि सीवर संबंधित संकट के समाधान की निगरानी करना मुख्य सचिव की जिम्मेदारी होगी। इस तरह से सीवर ओवरफ्लो होने के कारण कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं और गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है।

मंत्री ने कहा है कि अधिकारियों की इस लापरवाही से शहर में पैदा हुए सीवर संकट की वजह से दिल्ली महामारी की कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने मुख्य सचिव को शहर के हर हिस्से में पर्याप्त संख्या में मैन पावर और मशीनों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। साथ ही अगले 48 घंटे में जल बोर्ड को आवंटित बजट में से पर्याप्त धन जारी करने का आदेश दिया और कहा कि जल बोर्ड में जानबूझ कर फंड की कमी पैदा करने के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

आतिशी ने बुधवार को उत्तम नगर में मोहन गार्डन डी ब्लॉक, ए-एक्सटेंशन मोहन गार्डन और डीके रोड का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान जल मंत्री ने पाया कि कई गलियों में सीवर का पानी बाहर बह रहा है, इससे लोगों को काफ़ी परेशानी हो रही है और गालियां भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। लोग नारकीय स्थिति में रहने के लिए मजबूर हैं। गलियों में चलना फिरना भी दूभर है।

स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि जब वे जल बोर्ड के फील्ड स्टाफ को अपनी शिकायतें देते हैं तो वे कहते हैं कि मशीनों और स्टाफ की कमी है और उनके पास बजट नहीं है।

निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक ने भी जल मंत्री को बताया कि पिछले साल तक उत्तम नगर विधानसभा में सीवर और पानी की पाइपलाइनों के रखरखाव के लिए 73 कॉन्ट्रैक्ट लेबर तैनात थे, लेकिन इस साल इसे घटाकर महज 18 कर दिया गया है। साथ ही, पूरी विधानसभा में पिछले साल 14 सीवर सफाई मशीनें तैनात की गई थीं जो अब घटकर सिर्फ सात रह गई हैं।

आतिशी ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा ने इस वित्त वर्ष में दिल्ली जल बोर्ड को 7,195 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जो राज्य के कुल बजट का लगभग नौ फीसद है। इस बजट को मंत्रिपरिषद, उपराज्यपाल, गृह मंत्रालय और दिल्ली विधानसभा द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसके बावजूद वित्त वर्ष के चार महीने से ज्यादा समय में दिल्ली जल बोर्ड को अब तक सिर्फ़ 400 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं।

आतिशी ने कहा है कि जल बोर्ड की फाइलें शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच घूमती रहती हैं लेकिन पैसा नहीं मिलता है। जल बोर्ड में अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पैदा किए गए फंड के इस कृत्रिम संकट के कारण दिल्ली के लोग नारकीय स्थिति में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।

उन्होंने कहा है कि दिल्ली में पैदा सीवर संबंधी संकट के समाधान की निगरानी करना मुख्य सचिव की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी और इसमें किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नहीं किया जाएगा।

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