हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने शुक्रवार को मंडी के उपायुक्त कार्यालय स्थित डीआरडीए सभागार में समीक्षा बैठक की। इस सत्र की अध्यक्षता पीएसी के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने की और इसमें मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक डॉ. हंस राज, जीत राम कटवाल, इंदर सिंह, डॉ. जनक राज और मलेंदर राजन शामिल हुए।
समिति वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्टों में उठाए गए ऑडिट पैराग्राफों की जांच करने के लिए विभिन्न जिलों का दौरा कर रही है।
अपने संबोधन में अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऑडिट समीक्षा प्रक्रिया के तहत समिति का यह पहला फील्ड दौरा था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य सरकार द्वारा जारी विकास निधि का इष्टतम और आवश्यकता-आधारित उपयोग सुनिश्चित करें। शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि बैंक खातों में धनराशि बेकार नहीं रहनी चाहिए और निर्धारित समय-सीमा के भीतर इसका उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने योजनाओं और आबंटनों का विस्तृत रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता पर बल दिया और सार्वजनिक व्यय में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही का आह्वान किया। अधिकारियों को समय पर समाधान की सुविधा के लिए दी गई समय सीमा के भीतर ऑडिट पैरा पर व्यापक प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
शर्मा ने विकास कार्यों के त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अधिक अंतर-विभागीय समन्वय का भी आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समिति के विचार-विमर्श से सार्थक परिणाम निकलेंगे और प्रशासन में सुधार होगा।
समिति ने स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण, जल शक्ति, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अग्निशमन सेवाएं और राजस्व सहित प्रमुख विभागों से संबंधित लेखापरीक्षा टिप्पणियों पर विस्तृत चर्चा की। सदस्यों ने सक्रिय रूप से अंतर्दृष्टि साझा की और चिंता के कई मुद्दों पर रचनात्मक सुझाव दिए।
डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने समिति का स्वागत किया और जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने समिति के निर्देशों को लागू करने और सभी विभागों की रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता जताई।
समीक्षा बैठक से पहले पीएसी सदस्यों ने मंडी में राजकीय डिग्री कॉलेज के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण कर प्रगति का जायजा लिया। बैठक में पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर, समिति अधिकारी नैना कोटवी, वरिष्ठ रिपोर्टर कल्पना वर्मा व अंजुला वर्मा, सीएजी के वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी अनूप कुमार, सहायक लेखा परीक्षक जितेन्द्र गुलेरिया, संजीव कुमार, संतोष व विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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