कांगड़ा, जिले में 16 सितंम्बर से पैराग्लाइडिंग शुरू होगी, लेकिन बिना लाइसेंस कोई भी उड़ान नहीं भर सकेगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने जुर्माने का प्रावधान किया है। साथ ही आधुनिक उपकरणों से TRAINED पैराग्लाइडर पायलट ही उड़ान भर सकेंगे। बरसात के कारण पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था। पैराग्लाइडिंग के लिए कांगड़ा जिले में बीड़-बिलिंग और इंद्रुनाग दो साइट हैं। पैराग्लाइडिंग शुरू होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि जब भी मौसम खराब होगा तो पैराग्लाइडिंग को रोक दिया जाएगा। अक्टूबर से पैराग्लाइडिंग की रौनक पूरी तरह से लौट आएगी। दोनों ही साइट पर 400 पायलट पंजीकृत किए गए हैं।
साडा के सुपरवाइजर ने बताया कि बिलिंग में सुरक्षा के लिए, तैनात टीम शुक्रवार से सेवाएं देगी, और हर पायलट पर नजर रहेगी। खराब मौसम मे पैराग्लाइडिंग की अनुमति नहीं होगी। SDM बैजनाथ ने बताया कि, पैराग्लाइडिंग सिर्फ रोमांच का खेल नहीं है। इससे युवाओं की रोजी रोजी भी जुड़ी है। TRAINED पायलटों का घर भी पैराग्लाइडिग से चलता है। पंजीकृत पायलट पर्यटकों को टेंडम फ्लाइट करवाकर आजीविका कमाते हैं। पायलट अपने साथ एक पर्यटक को पैराग्लाइडर में बिठाता है और टेक ऑफ प्वाइंट से लैंडिंग साइट पहुंचने तक करीब 20 से 30 मिनट हवा में सैर करवाता है। एक उड़ान में प्रति व्यक्ति 1500 रुपये लिए जाते हैं।