हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि अपनी तरह की सबसे प्राचीन अरावली पर्वत श्रृंखला हरियाणा के लिए गौरव का स्रोत है। 1.15 मिलियन हेक्टेयर में फैली यह श्रृंखला दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा के कुछ हिस्सों को कवर करती है।
क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई पहल – मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) – के साथ-साथ एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम एक सराहनीय कदम है।
इसी के अनुरूप, हरियाणा ने सऊदी अरब में इसी प्रकार के प्रयासों से प्रेरित होकर अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की रूपरेखा तैयार की है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र की हरियाली को बढ़ाना है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव 6 फरवरी, 2025 को इस परियोजना का आधिकारिक उद्घाटन करेंगे।
राव नरबीर सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सऊदी अरब एक रेगिस्तानी देश है, लेकिन उसने प्रभावशाली तरीके से हरित पट्टियों के विकास के माध्यम से अपनी हरियाली को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। इससे प्रेरित होकर भारत सरकार ने हरियाणा को अरावली ग्रीन वॉल परियोजना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
राव नरबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने ग्रीन वॉल परियोजना का अवलोकन करने के लिए स्वयं सऊदी अरब का दौरा किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि वह शीघ्र ही 7 फरवरी से चार दिवसीय अध्ययन दौरे पर जाएंगे, जिसमें वे नागपुर (महाराष्ट्र) में गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और गुजरात के जामनगर में वंतारा परियोजना का अध्ययन करेंगे।
उन्होंने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का लक्ष्य चार राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि को बेहतर बनाना है, जिससे बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय मॉडल तैयार होगा। यह परियोजना जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर जोर देते हुए देशी वन प्रजातियों का उपयोग करके वनीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी।
अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी को बढ़ावा देने पर भी मुख्य ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अरावली क्षेत्र में ग्रीन वॉल परियोजना के साथ-साथ हम इस पर्वत श्रृंखला में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी परियोजना के प्रस्ताव पर भी आगे बढ़ रहे हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जंगल सफारी परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग के बजाय वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंप दी है। यही कारण है कि वे स्वयं परियोजना की अवधारणा का अध्ययन करने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र और गुजरात के दौरे पर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अरावली क्षेत्र में ग्रीन वॉल परियोजना के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्र में इको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी परियोजना पर भी प्रगति हो रही है।
हाल ही में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जंगल सफारी परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग से हटाकर वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंपी है। इस परियोजना की अवधारणा का अध्ययन करने के लिए वे विभाग के अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र और गुजरात का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना अरावली क्षेत्र में स्थानीय आबादी के लिए हरित रोजगार के अवसर पैदा करेगी, साथ ही जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ संसाधन प्रबंधन को भी बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इस महान पर्यावरण पहल के बारे में जागरूक करने और उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए राज्य में वन मित्रों की नियुक्ति की गई है। ये वन मित्र स्थानीय समुदायों को वनों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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