केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद प्रमुख रूप से भारत की समृद्ध संस्कृतिक, विरासत और धरोहर के संरक्षण और संवर्धन को हमेशा से ही अपनी प्राथमिकता की सूची में शीर्ष पर रखा।
उन्होंने बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में कई ऐसी पहल शुरू की, जिनकी वजह से भारतीय संस्कृति और विरासत को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली। आज की तारीख में समस्त विश्व में भारतीय संस्कृति को नई पहचान मिली है और इसका श्रेय निसंदेह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने इस दिशा में कई उल्लेखनीय काम किए हैं, जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के शासनकाल में वाराणसी एक प्रमुख धार्मिक तीर्थस्थल के रूप में उभरकर सामने आया है, जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाने के लिए आतुर रहते हैं। वाराणसी में ना सिर्फ भारतीय, बल्कि पूरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं। यह हमारी आस्था का केंद्र है। पहले श्रद्धालुओं को वाराणसी की तंग गलियों से गुजरते हुए मंदिरों का भ्रमण करना पड़ता था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले वाराणसी को अपनी प्राथमिकता की सूची में शीर्ष पर रखा और इसके पुनरुद्धार की दिशा में कई उल्लेखनीय कदम उठाए, जिसकी वजह से आज की तारीख में वाराणसी को समस्त विश्व में एक ऐसी पहचान मिली है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। आज वाराणसी में मंदिर और गंगा के बीच का रास्ता सुगम हो चुका है।
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में जो कोई भी वाराणसी जाता है, उसे आत्मिक आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है। यहां पर अब मौजूदा समय में विकास की बयार बह रही है। आज यह आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उज्जैन का महाकाल मंदिर प्रमुख आस्था के केंद्र के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। इसके विकास के लिए केंद्र सरकार प्रशंसनीय काम किए हैं। इस वजह से यहां पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु को अब कोई दिक्कत नहीं होती है। केंद्र सरकार ने खुद यह सुनिश्चित किया है कि इन सभी धार्मिक स्थलों पर चौतरफा विकास की बयार बहे। कोई भी व्यक्ति विकास से वंचित नहीं रहे। अगर कोई भी व्यक्ति विकास से वंचित रहेगा, तो उस वक्त विकास से संबंधित कामों का लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी खुद केंद्र सरकार की होगी।
मंत्री ने कहा कि महाकाल की भूमि उज्जैन के विकास के बाद वहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। यहां पर श्रद्धालु आने के बाद ठहरना पसंद करते हैं। यहां आने वाले लोग चित्रों के माध्यम से महाकाल मंदिर के बारे में जानते हैं। इस तरह से अगर कुल मिलाकर पूरे सफरनामे को देखने का प्रयास करे, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासनकाल में आस्था से संबंधित स्थलों के विकास और उनके पुरुद्धार की दिशा में कई अहम काम किए हैं, जिससे भारत को न महज देश में, बल्कि वैश्विक मंच पर भी नई पहचान मिली है।

