November 17, 2024
National

झारखंड में पीएम मोदी ने की आठ, अमित शाह की चार रैली और रोड शो, कांग्रेस रही काफी पीछे

रांची, 31 मई । झारखंड में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए ने 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2024 के चुनाव में भाजपा ने सभी 14 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा और इसके लिए पार्टी की टॉप लीडरशिप ने प्रचार अभियान के दौरान पूरी ताकत झोंक दी।

पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण के अलावा एमपी के सीएम मोहन यादव, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कुल मिलाकर झारखंड में 50 से ज्यादा रैलियां, जनसभाएं और रोड शो किए।

झारखंड के नेताओं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सबसे ज्यादा करीब 300 रैली, जनसभा और चुनावी कार्यक्रमों में शिरकत की। झारखंड नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी 150 से ज्यादा कार्यक्रमों में पसीना बहाया। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान संपन्न होने के बाद दूसरे लोकसभा क्षेत्रों में दर्जनों सभाएं की।

खुद पीएम मोदी ने प्रचार अभियान में झारखंड को कितनी अहमियत दी, इसका पता इसी बात से चल जाता है कि उन्होंने यहां कुल सात रैलियां की। इसके अलावा उन्होंने रांची में रोड शो और एक रात का प्रवास भी किया। हिसाब लगाएं तो उन्होंने अकेले प्रचार के दौरान यहां जितना वक्त गुजारा और जितने कार्यक्रम किए, उतना कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलकर भी नहीं कर पाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने चार रैलियां की, जबकि राहुल और प्रियंका दोनों की दो-दो रैलियां हुईं। अमित शाह चुनाव प्रचार के दौरान तीन बार झारखंड आए। उन्होंने तीन रैलियां की और एक रोड शो में भाग लिया। राजनाथ सिंह की छह चुनावी रैलियां हुईं। जबकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो रैलियां की। रैलियों और जनसभाओं में भाजपा के तमाम नेताओं ने झारखंड में कांग्रेस सांसद के ठिकाने से 350 करोड़ और कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के करीबियों के यहां से 37 करोड़ कैश की बरामदगी की घटनाओं को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन को निशाना बनाया।

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को जब ‘इंडिया’ गठबंधन अपने पक्ष में सहानुभूति कार्ड के रूप में खेलने की कोशिश कर रहा था, तब भाजपा के नेताओं ने सोरेन की छवि ‘भ्रष्टाचार का नायक’ के रूप में पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। झारखंड के संथाल परगना इलाके में घुसपैठ का मुद्दा भी भाजपा ने बेहद प्रमुखता से उठाया।

इसके अलावा आदिवासी कल्याण के लिए मोदी सरकार के कामकाज, राष्ट्रपति के पद पर आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन, मुफ्त अनाज योजना, आयुष्मान, पीएम जन मन, उज्ज्वला, हर घर नल से जल जैसी योजनाओं की उपलब्धियां गिनाते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की भरपूर कोशिश हुई।

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