April 16, 2025
Uttar Pradesh

वाराणसी में ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ बदल रही लोगों की जिंदगी

‘Prime Minister Micro Food Industry Upgradation Scheme’ is changing the lives of people in Varanasi

वाराणसी, 8 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ‘प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’ लोगों का जीवन बदल रही है। पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ लेकर जिले में छोटे स्तर पर लोगों ने अपना बिजनेस शुरू किया है। जिससे उनके जीवन में बदलाव तो आया ही है और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कृषकों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। इस योजना की खास बात यह है कि इसका लाभ कोई भी युवा उद्यमी ले सकता है। इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये तक का लोन मुहैया कराया जाता है।

इस योजना का लाभ लेकर अपना व्यापार शुरू करने वाले कुछ लाभार्थियों से न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बातचीत की।

लाभार्थी रोहित ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का लाभ लेते हुए सरसों के तेल का बिजनेस शुरू किया। उन्होंने बताया कि पढ़ाई पूरी हो चुकी है और घर की जिम्मेदारियां भी थीं। इसलिए बिजनेस शुरू करने का सोचा। इस योजना के तहत 4 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिला है। इस योजना से जीवन बदल रहा है।

लाभार्थी विवेक कुमार ने कहा कि मेरे गांव की आबादी करीब 10 हजार है। इस योजना के तहत राइस मिल खोली है। लोन पाने के लिए परेशानी तो होती है, लेकिन इस योजना के तहत हमें आसानी से लोन मिल गया। मिल के कारखाने में दूसरे लोगों को भी रोजगार मिला है। पीएम मोदी की यह योजना बहुत अच्छी है। 10 लोगों को रोजगार भी मिला है।

वाराणसी उद्यान विभाग के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक ज्योति कुमार सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हमारे कृषकों को उद्यमी बनाना है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता हुआ कदम है। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित अगर कोई उद्योग लगाना चाहता है, तो उसे लोन दिलाने की सुविधा है। इस योजना के तहत उद्यमी अपना छोटा कारखाना शुरू कर सकते हैं। इस योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान मिलता है। उन्होंने बताया कि अभी तक हमारे पास इस योजना के लिए करीब 400 से 500 लोगों ने पंजीकरण कराया है। हर साल 100 से 200 लोग जुड़ते हैं।

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