हिमाचल किसान सभा ने अवाहदेवी से सरकाघाट-धर्मपुर-मंडी तक मंडी-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रही कंपनी द्वारा कथित लापरवाही, पर्यावरण उल्लंघन और श्रम शोषण के खिलाफ कल पद्छु पुल पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह और किसान सभा नेता रंताज और दिनेश काकू ने किया, जिसमें दर्जनों स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला।
प्रदर्शनकारियों ने निर्माण कंपनी पर लापरवाही से खुदाई करने और साइट को बीच में ही छोड़ देने का आरोप लगाया, जिससे पडचू पुल के पास वाहनों के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो गई। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मलबा अंधाधुंध तरीके से डंप किया जा रहा है, जिसमें पुल के पास जलधारा में अनधिकृत भराव भी शामिल है। इससे मानसून के दौरान गंभीर नुकसान का खतरा है, जिसका असर धरमपुर तक के इलाकों पर पड़ सकता है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पद्छू और हुक्कल के बीच बिना उचित अनुमति के विस्फोट किया गया, जिससे भेड़ी से जोधन तक तीन दर्जन से अधिक घर और आधा दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। लोंगनी गांव में, प्राथमिक विद्यालय और वर्षा जल संचयन चेक डैम के पास मलबा फेंका गया, जिससे बुनियादी ढांचे और स्थानीय कृषि भूमि को खतरा पैदा हो गया।
इसके अलावा, कंपनी पर समय पर वेतन और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने में विफल रहने के कारण मज़दूरों, ख़ास तौर पर स्थानीय मज़दूरों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश के 30 मज़दूरों को उनके अधिकारों की माँग करने के बाद पुलिस के दबाव में नौकरी से निकाल दिया गया।
अन्य गंभीर आरोपों में पुलों और रिटेनिंग दीवारों का घटिया निर्माण, कंपनी के स्टोन क्रशर के आसपास अवैध खनन और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र बनाला पंचायत में अनधिकृत डंपिंग तथा रियूर गांव में ओबीसी और अनुसूचित जाति समुदायों के 20 से अधिक परिवारों के घरों को खतरे में डालना शामिल है।
विरोध के मद्देनजर एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा ने तहसीलदार रमेश कुमार के नेतृत्व में 14 सदस्यीय जांच समिति गठित की। समिति में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियर और स्थानीय राजस्व अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
एसडीएम ने हमीरपुर के परियोजना निदेशक को किसान सभा की मांगों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
भूपेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि किसान सभा कंपनी के खिलाफ एफआईआर और कानूनी मामला दर्ज करने के लिए सबूत इकट्ठा कर रही है। सात सदस्यों वाली एक तथ्य-खोजी टीम 20 अप्रैल को सभी प्रभावित क्षेत्रों और परिवारों का दौरा करेगी।
इस मुद्दे को और आगे बढ़ाते हुए, यदि तब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो 28 अप्रैल को धरमपुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई है।
इस सड़क परियोजना के परियोजना निदेशक से जब टिप्पणी लेने की कोशिश की गई तो वे उपलब्ध नहीं हो सके।
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