December 28, 2024
Haryana

युवाओं को नशे से बचाने के लिए जन आंदोलन जरूरी: मुख्यमंत्री

Public movement necessary to save youth from drugs: Chief Minister

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज राज्य में नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त की तथा धार्मिक नेताओं और सामाजिक संस्थाओं से नशे के खिलाफ जन आंदोलन शुरू करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय वीर बाल दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए सैनी ने लोगों से साहिबजादों द्वारा दिए गए बलिदानों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया तथा अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को साहस, त्याग और समर्पण के मूल्य सिखाएं।

उन्होंने कहा, “बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने के लिए प्रेरणा का काम करता है। गुरु गोविंद सिंह के परिवार की शहादत इतिहास में सबसे बड़ी कुर्बानी है। उनका बलिदान देश, धर्म और समाज की रक्षा तथा कमजोर और असहाय लोगों की रक्षा के लिए दिया गया।”

मुख्यमंत्री ने साहिबजादों की शहादत का बदला लेने वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर को भी श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह पहले सिख कमांडर थे जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के मिथक को तोड़ा।

मुख्यमंत्री ने सिख गुरुओं से जुड़े हरियाणा के विभिन्न स्थलों का उल्लेख किया और कहा कि हरियाणा में विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों और सड़कों का नाम गुरुओं के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि लोहगढ़ भगवानपुर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए लोहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर ट्रस्ट की स्थापना की गई है।

सैनी ने कहा, “नशा एक बड़ी समस्या है। हमें इस पर विशेष ध्यान देने और अपनी युवा पीढ़ी को बचाने की जरूरत है। सरकार के साथ-साथ समाज और परिवार को भी अहम भूमिका निभानी होगी। अगर कोई हुनरमंद युवा नशे में फंस जाता है तो न सिर्फ उसका भविष्य बर्बाद होता है बल्कि इससे देश की तरक्की पर भी असर पड़ता है।”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा छेवीं पातशाही में भी मत्था टेका। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने कहा कि सरकार पूरे राज्य में कार्यक्रम आयोजित करके वीर बल दिवस के मूल्यों को बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है। ऐसे आयोजनों से युवाओं को उनके अनूठे और प्रेरक इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वीर बल दिवस साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करता है और कहा कि धर्म और देश के लिए समर्पण और बलिदान में कोई उम्र की सीमा नहीं होती।

इस अवसर पर साहिबजादों की शहादत और जीवन की घटनाओं को समर्पित हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

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