पंजाब के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल चीमा ने 2025-26 के लिए 207 खुदरा आबकारी समूहों के लिए आवंटन प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की है। 5 मार्च, 2025 को शुरू हुई इस प्रक्रिया से 9,878 करोड़ रुपये का वार्षिक लाइसेंस शुल्क प्राप्त हुआ है, जो 9,017 करोड़ रुपये के अनुमानित लक्ष्य से 9.5 प्रतिशत अधिक है।
चीमा ने कहा कि आबकारी विभाग ने ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से 207 खुदरा समूहों को सफलतापूर्वक आवंटित किया है, जिसमें हितधारकों की ओर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया देखी गई। उन्होंने कहा, “हम प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली शराब की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।”
आबकारी विभाग के वित्तीय आयुक्त विकास प्रताप ने कहा कि खुदरा क्षेत्र (दुकानों की नीलामी) से राज्य का राजस्व 10,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “जब हम लाइसेंस शुल्क के संग्रह जैसे अन्य राजस्व स्रोतों को शामिल करते हैं, तो आबकारी से कुल राजस्व लगभग 11,500 करोड़ रुपये होगा।” 31 मार्च से पहले 200 आबकारी समूहों की नीलामी की गई थी, जबकि शेष सात समूहों की नीलामी कल की गई।
आबकारी प्रबंधन में अग्रणी के रूप में पंजाब की स्थिति की पुष्टि करते हुए चीमा ने कहा कि आबकारी और कराधान विभाग विनियामक अखंडता और उपभोक्ता कल्याण को बनाए रखते हुए राजस्व सृजन को बढ़ाने के अपने मिशन में दृढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की उपलब्धि ने एक नया मानदंड स्थापित किया है, जिससे आबकारी क्षेत्र के आधुनिकीकरण और पारदर्शी शासन में अग्रणी के रूप में पंजाब की स्थिति और मजबूत हुई है।