शिमला, 4 जून हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज तीन निर्दलीय विधायकों – देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर – का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
तीनों विधायकों ने 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था और अगले ही दिन 23 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार किए बिना भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके इस्तीफे स्वीकार किए जाने के साथ ही सदन की संख्या 59 रह गई है, जिसमें कांग्रेस के 34 विधायक और भाजपा के 25 विधायक हैं, जबकि छह विधानसभा उपचुनावों के नतीजों का इंतजार है।
पठानिया ने कहा, ”आज से वे 14वीं विधानसभा के विधायक नहीं रहेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि विधायक विधानसभा के सदस्य नहीं रहे, लेकिन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा दलबदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी याचिका अभी भी उनके पास लंबित है।
पठानिया ने कहा, “उनकी अयोग्यता कम कठोर निर्णय है। उनकी अयोग्यता पर निर्णय लंबित है क्योंकि वे अपना इस्तीफा स्वीकार किए जाने से पहले 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे।”
अब इन तीनों रिक्त विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव अगले छह महीने के भीतर कराए जाएंगे क्योंकि भारत के चुनाव आयोग को इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। तीनों विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी।
तीनों विधायक 30 मार्च को विधानसभा में धरने पर बैठे थे और अपने इस्तीफे को जल्द स्वीकार करने की मांग कर रहे थे। तीनों चाहते थे कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव 1 जून को लोकसभा और छह विधानसभा उपचुनावों के साथ कराए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि स्पीकर ने फैसला लंबित रखा।
उन्होंने कहा था कि चूंकि उन्होंने अपना इस्तीफा व्यक्तिगत रूप से स्पीकर को सौंप दिया था और उन पर कोई दबाव नहीं था, इसलिए निर्णय में देरी करने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से भी मुलाकात की थी और उनसे अपने इस्तीफे को तत्काल स्वीकार करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
तीनों विधायकों को अदालतों से कोई राहत नहीं मिली। पिछले महीने 8 मई को हाईकोर्ट ने तीनों विधायकों की याचिका का निपटारा असहमतिपूर्ण फैसले में कर दिया था। अब इस मामले को अंतिम निर्णय के लिए तीसरे जज के पास भेजा जाएगा। तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दो याचिकाएं लंबित हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपनी याचिका में तीनों विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत इस आधार पर बर्खास्त करने की मांग की है कि वे इस्तीफा देने के अगले ही दिन भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।
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