N1Live Haryana रोडवेज कर्मचारी सीएम, परिवहन मंत्री के समक्ष उठाएंगे मुद्दे
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रोडवेज कर्मचारी सीएम, परिवहन मंत्री के समक्ष उठाएंगे मुद्दे

Roadways employees will raise issues before CM, Transport Minister

हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सर्व कर्मचारी संघ से सम्बद्ध) की राज्य कमेटी की आज यहां बैठक हुई जिसमें अपनी लंबित मांगों पर चर्चा की गई तथा उन्हें पूरा करवाने के लिए आगामी योजना बनाई गई।

यूनियन के अध्यक्ष नरेंद्र दिनोद की अध्यक्षता और महासचिव सुमेर सिवाच के संचालन में हुई बैठक में सभी मांगों को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और परिवहन मंत्री अनिल विज के समक्ष रखने के लिए ज्ञापन तैयार करने का संकल्प लिया गया।

बैठक में यह भी मांग की गई कि राज्य सरकार रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों के संबंध में अपनी नीति स्पष्ट करे। इस अवसर पर बोलते हुए दिनोद ने कहा कि उनकी सभी मांगें जायज हैं और उन्हें उम्मीद है कि सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें स्वीकार करेगी।

दिनोद ने कहा कि मांगों में क्लर्क, ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन, हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा नियुक्त सभी कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना, परिवहन विभाग में रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती व पदोन्नति, अर्जित अवकाश में कटौती बंद कर अवकाश की पुरानी व्यवस्था बहाल करना, सरकारी कैलेंडर के आधार पर छुट्टियां देना, पुरानी पेंशन योजना बहाल करना, जोखिम भत्ता व तकनीकी वेतनमान देना, बकाया बोनस का भुगतान करना आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवम्बर माह में हरियाणा रोडवेज के सभी डिपो व सब-डिपो पर वार्षिक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा तथा प्रदेश भर के सभी डिपो पर कर्मचारियों का डिपो स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

सिवाच ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद रोडवेज कर्मचारियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री यूनियन के प्रतिनिधियों से बातचीत शुरू करके कर्मचारियों के सभी मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे।

उन्होंने मांग की कि सरकार को 362 रूटों पर 3,658 निजी बसों को रूट परमिट देने की नीति वापस लेनी चाहिए, क्योंकि कर्मचारी, आम जनता, ग्राम पंचायतें और विद्यार्थी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बसें चलाने की मांग कर रहे हैं।

सिवाच ने कहा, “निजी बसों को परमिट जारी करने के बजाय बढ़ती मांग को देखते हुए बेड़े में 10,000 सरकारी बसें शामिल की जानी चाहिए ताकि जनता को बेहतर और सुरक्षित परिवहन सेवाएं प्रदान की जा सकें। इस तरह 60,000 बेरोजगार लोगों को स्थायी रोजगार मिल सकता है।”

बैठक में शिव कुमार श्योराण, रमेश श्योकंद, सुशील इक्कस, जय कुँवर दहिया, पवन शर्मा, महिपाल, प्रवीण यादव, नरेंद्र सांगा, वीरेंद्र चंद्रभान, पृथ्वी सिंह चाहर, सतबीर मुंढाल, जयवीर तालु, सुरेंद्र पालवा और जितेंद्र डागर शामिल थे।

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