February 23, 2025
Haryana

रोहतक मेयर पद कांग्रेस, भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल

Rohtak mayor post a question of prestige for Congress and BJP

रोहतक मेयर की कुर्सी सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। भाजपा जहां अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए इस पद को बरकरार रखना चाहती है, वहीं कांग्रेस रोहतक नगर निगम पर कब्जा करने की इच्छुक है, जो दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है।

पिछली बार मेयर का चुनाव भाजपा ने जीता था और मनमोहन गोयल मेयर चुने गए थे। हालांकि, रोहतक नगर निगम के निर्वाचित सदन का पिछला कार्यकाल भ्रष्टाचार, सरकारी उदासीनता, धन की कमी और अधिकार के आरोपों से घिरा रहा। स्थानीय कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद गुलशन ईशपुनियानी ने कहा, “रोहतक के साथ सौतेला व्यवहार किया गया क्योंकि स्थानीय विधायक विपक्ष से थे। बंदरों का आतंक, आवारा पशु और कुत्ते, सड़कें, सीवरेज और सार्वजनिक पार्कों और शौचालयों के उचित रखरखाव जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया।”

पिछले मेयर ने भी माना था कि बिजली की कमी, फंड की कमी और संबंधित अधिकारियों के असहयोगात्मक रवैये के कारण कई विकास परियोजनाएं शुरू नहीं हो पाईं। इस बार मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बाद कांग्रेस ने भी मेयर पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।

अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के साथ-साथ कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों के भी महापौर चुनाव लड़ने की संभावना है, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच होने की संभावना है।

चुनाव अधिकारी मेजर गायत्री अहलावत (सेवानिवृत्त) ने बताया कि नगर निगम चुनाव के लिए रोहतक में 285 बूथ बनाए गए हैं। प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की औसत संख्या 1,120 है। उन्होंने बताया कि स्थानीय नगर निगम कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एकल खिड़की स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि मेयर के चुनाव के लिए अधिकतम व्यय सीमा 30 लाख रुपये और नगर पार्षद के लिए 7.5 लाख रुपये है।

चुनाव अधिकारी ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मेयर पद के लिए उम्मीदवार के प्रस्तावक का नाम नगर निगम की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए। उन्होंने बताया कि नगर पार्षद पद के लिए उम्मीदवार के प्रस्तावक का नाम संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए। प्रस्तावक को अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

चुनाव अधिकारी ने बताया कि चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तथा संबंधित अधिकारियों को दायित्व सौंप दिए गए हैं।

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