स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा था कि पिछले सत्र के इस भाग के लिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत नहीं है क्योंकि पहले से जारी सत्र जिसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था, के तहत ही 20 व 21 अक्तूबर को विधानसभा में दो दिन कामकाज किया जाएगा।पंजाब सरकार ने 20 और 21 अक्तूबर को विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया है, जिस पर एक बार फिर रार शुरू हो गई है।20 अक्तूबर को बुलाए गए विधानसभा सत्र को गैरकानूनी बताया गया है। पंजाब राजभवन ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर राज्यपाल के फैसले का हवाला दिया है। राज्यपाल इससे पहले भी बुलाए दो दिवसीय विशेष सत्र को गैरकानूनी ठहरा चुके हैं।
विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने ने सत्र बुलाते हुए कहा था कि यह सत्र पिछले सत्र का हिस्सा होगा, क्योंकि पिछले सत्र का सत्रावसान अब तक नहीं हुआ है। विधानसभा सचिव रामलोक खताना की ओर से जारी नोटिस के अनुसार पंजाब विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के अधीन स्पीकर की ओर से 20 जून को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया विधानसभा का सत्र 20 अक्तूबर को सुबह 11 बजे विधानसभा हॉल में बुलाया गया है।
स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा था कि पिछले सत्र के इस भाग के लिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत नहीं है क्योंकि पहले से जारी सत्र जिसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया था, के तहत ही 20 व 21 अक्तूबर को विधानसभा में दो दिन कामकाज किया जाएगा। यह दो दिवसीय सत्र नया अथवा विशेष सत्र नहीं होगा।
स्पीकर द्वारा इससे पहले 19 व 20 जून को बुलाए गए पंजाब विधानसभा के सत्र को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने गैरकानूनी घोषित कर दिया था। हालांकि यह दो दिवसीय सत्र बुलाते समय भी राज्य सरकार का कहना था कि सरकार द्वारा विधानसभा के स्पीकर को सूचित कर दिया गया है। चूंकि पिछले सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है, इसलिए दो दिवसीय सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल की जरूरत नहीं है।
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