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वायनाड भूस्खलन के 11वें दिन तलाशी अभियान जारी, अब भी लापता हैं 152 लोग, ग्रामीणों की ली जाएगी मदद

Search operation continues on the 11th day of Wayanad landslide, 152 people are still missing, help of villagers will be taken

वायनाड, 9 अगस्त केरल के वायनाड में 30 जुलाई को आए भीषण भूस्खलन के बाद मची तबाही से लापता 152 लोगों का तलाशी अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। इस त्रासदी में अब तक 413 लोग हताहत हो चुके हैं। तलाशी अभियान मुंडाकायिल और पंचिरिमाटोम इलाकों में चल रहा था।

बचाव और राहत अभियान का नेतृत्व कर रहे राज्य के पर्यटन मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास ने कहा कि तलाशी अभियान शुक्रवार को समाप्त होगा और रविवार को फिर से ग्रामीणों की मदद से इसी तरह का तलाशी अभियान चलाया जाएगा क्योंकि ग्रामीण इस क्षेत्र से भली भांति परिचित हैं।

त्रासदी के बाद बचाव अभियान अभी तक जारी है। शुक्रवार को भी कुछ टीमों ने चालियार नदी के आस पास के क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया। यहां से अब तक 78 शव और 150 से अधिक शारीरिक अंग बरामद किए जा चुके हैं।

इस बीच शुक्रवार का दिन अहम है क्योंकि केरल हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करने का फैसला किया है।

उच्च न्यायालय ने संज्ञान उन मीडिया रिपोर्ट्स और पत्रों के आधार पर लिया है जिसमें कहा गया था कि वायनाड में पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों का बेलगाम शोषण किया गया।

बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों ने इस विषय पर चेताया था कि राज्य के कई जगहों पर लचर प्रबंधन के कारण इस तरीके की आपदा घट सकती है। इन छोटी-छोटी त्रासदियों से स्पष्ट संकेत मिलने के बाद भी अधिकारी हाथ पर हाथ रख चुप बैठे रहे।

आरोप है कि केरल में कई सरकारें बनीं। लेकिन इन सरकारों ने कस्तूरीरंगन और माधव गाडगिल जैसे बड़े विशेषज्ञों की रिपोर्ट्स पर कभी ध्यान नहीं दिया।

भले ही केरल में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के लिए राज्य संचालित चार एजेंसियां ​​हैं फिर भी इस मुद्दे पर कोई विशेष काम नहीं हुआ।

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