April 1, 2025
Haryana

सरकार द्वारा नहर परियोजना में देरी के कारण सिरसा के ग्रामीण जलापूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं

Sirsa villagers struggling for water supply as government delays canal project

सिरसा जिले के 20 गांव गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। सालों पहले वादा किया गया नहर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है, जिससे किसान और ग्रामीण सिंचाई और स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं। स्थानीय विधायक गोकुल सेतिया ने हरियाणा विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा किए गए वादों के बावजूद समस्या का समाधान करने के लिए कुछ नहीं किया गया।

सात साल पहले खट्टर ने मंगला, जमाल और अन्य गांवों में पानी पहुंचाने के लिए नहर बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस परियोजना पर केवल 2 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं, जो अधूरी है। नहर से सिंचाई के लिए पानी मिलना था, लेकिन गांव वालों को कोई समाधान नहीं मिला। भूजल स्तर में भारी गिरावट आई है और जो पानी बचा है, वह खारा और पीने लायक नहीं है। इससे किसानों के पास अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं बचा है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।

सेतिया ने बताया कि घोषणा के समय इलाके में जमीन की कीमतें 12 लाख से 15 लाख रुपये प्रति एकड़ के बीच थीं, लेकिन अब वे 40 लाख से 50 लाख रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ गई हैं। फिर भी, ग्रामीण नहर परियोजना के लिए सरकार को बाजार मूल्य पर अपनी जमीन बेचने को तैयार हैं। लेकिन सरकार जमीन अधिग्रहण या नहर को पूरा करने की दिशा में कोई कदम उठाने में विफल रही है।

हालात और भी बदतर हो गए हैं और शहीदांवाली, नटार, सलारपुर समेत कई गांवों में पीने के पानी की भारी किल्लत है। कुछ इलाकों में तो ग्रामीणों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूर की नहरों से पानी के टैंकर लाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। विरोध प्रदर्शन और संघर्ष समिति के गठन के बावजूद सरकार ने ग्रामीणों की चिंताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

किसानों की हताशा इस बात से भी जाहिर होती है कि हरियाणा किसान मंच ने बुधवार को सिंचाई के लिए पानी की निरंतर आपूर्ति की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हरियाणा किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष गुरदीप सिंह झिरी ने कहा कि किसान इस बात से परेशान हैं कि सिंचाई विभाग ने पानी की आपूर्ति कम कर दी है, जिससे उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो किसानों ने 28 अप्रैल से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन जारी रखने की धमकी दी है।

ग्रामीणों और किसानों को उम्मीद है कि सरकार अंततः जल संकट को हल करने के लिए कार्रवाई करेगी, लेकिन फिलहाल उनका संघर्ष जारी है।

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