February 21, 2025
Himachal

सोलन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल परियोजना बिजली लाइन शिफ्ट का भुगतान न किए जाने के कारण रुकी

Solan Super Specialty Hospital project halted due to non-payment of power line shifts

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) द्वारा कैथर बाईपास पर बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण स्थल से 33 केवी बिजली लाइन को स्थानांतरित करने के लिए 53.65 लाख रुपये मांगे जाने के एक साल से अधिक समय बाद भी आवश्यक धनराशि प्रदान नहीं की गई है। इस वित्तीय बाधा ने परियोजना में और देरी कर दी है, जो पहले से ही बार-बार धन की कमी का सामना कर रही है।

शुरुआत में बिजली बोर्ड ने शिफ्टिंग की लागत 38.96 लाख रुपये आंकी थी, लेकिन वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अद्यतन लागत गणना के आधार पर नवंबर 2024 में इसे संशोधित कर 53.65 लाख रुपये कर दिया गया। एचपीएसईबीएल के एक अधिकारी ने कहा कि लागत और बढ़ सकती है क्योंकि काम अभी पूरा नहीं हुआ है।

वित्तीय बाधाओं के कारण परियोजना में पहले ही देरी हो चुकी है। करोड़ों रुपये के लंबित भुगतान के कारण ठेकेदार ने पहले कई महीनों तक काम रोक दिया था। हालांकि बाद में काम फिर से शुरू हो गया, लेकिन धन की कमी के कारण अब बिजली लाइन के स्थानांतरण का काम रुका हुआ है, जिससे निर्माण कार्य में और बाधा आ रही है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इस परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है। सोलन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डीआर शांडिल का गृह जिला होने के बावजूद परियोजना के लिए धनराशि जारी करने में अनियमितता बरती गई है। पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता रवि भट्टी ने कहा कि राजकोषीय प्रतिबंधों के कारण भुगतान में देरी हुई है। हालांकि, 38 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं और शेष राशि जल्द ही प्रदान की जाएगी।

अब तक अस्पताल के एक ब्लॉक के निर्माण पर 48 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि अनुमानित कुल लागत करीब 70 करोड़ रुपये है। परियोजना को पूरा करने के लिए और अधिक धन की आवश्यकता होगी। पहले चरण में प्रशासनिक ब्लॉक, 200 बिस्तरों वाला अस्पताल और एक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा इकाई शामिल है, जिसका निर्माण 2022 में शुरू होगा।

पिछली भाजपा सरकार ने इस परियोजना के लिए 29 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, जिसकी कुल लागत 90.33 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा (एमसीएच) सुविधा स्थापित करने के लिए सालों पहले 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। हालांकि, पुराने अस्पताल में जगह की कमी के कारण इसका निर्माण नहीं हो सका और अब इन निधियों का उपयोग नए भवन के लिए किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सितंबर 2021 में नए अस्पताल भवन की आधारशिला रखी थी। पुराने अस्पताल में जगह की काफी कमी थी, जिससे न केवल केंद्रीय परियोजनाएं रुकी हुई थीं, बल्कि संकीर्ण गलियारों और भीड़भाड़ वाले बाह्य रोगी विभागों के कारण मरीजों को भी असुविधा हो रही थी।

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