N1Live Chandigarh सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़-मोहाली रोड से प्रदर्शनकारियों को हटाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत
Chandigarh

सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़-मोहाली रोड से प्रदर्शनकारियों को हटाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें प्राधिकारियों को चंडीगढ़-मोहाली मार्ग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निर्देश दिया गया था।

इस वर्ष मई में सर्वोच्च न्यायालय ने एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के 9 अप्रैल के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी।

शुक्रवार को न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से, जिसकी याचिका पर उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया था, तथा अन्य से नई याचिका पर जवाब मांगा।

इसने इस याचिका को इसी मुद्दे को उठाने वाली एक लंबित याचिका के साथ संलग्न कर दिया।

अपने 9 अप्रैल के आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद न तो पंजाब राज्य और न ही केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, चंडीगढ़ और मोहाली के यात्रियों की शिकायतों का निवारण करने में सक्षम रहा है।

इसने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर यह आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि चंडीगढ़-मोहाली मार्ग पर फरवरी 2023 से चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शनकारी सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

कौमी इंसाफ मोर्चा द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर नई याचिका में कहा गया है कि वे वहां डेढ़ साल से अधिक समय से अहिंसक और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

अधिवक्ता सत्य मित्रा के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि उच्च न्यायालय ने “गलती से प्रदर्शनकारियों को स्थल से बलपूर्वक हटाने का आदेश दिया था, जबकि राज्य सरकार ने अदालत में हलफनामा देकर संकेत दिया था कि प्रदर्शनकारियों ने यातायात बाधित नहीं किया है और वाईपीएस चौक के आसपास यातायात का प्रवाह सामान्य था।” 

 

Exit mobile version