नई दिल्ली, 17 दिसंबर, । लोकसभा में मंगलवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पेश हो सकता है। इस बिल को लेकर जहां विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है, तो वहीं सत्ता पक्ष इस बिल को देशहित में बता रहा है।
इसके अलावा ईवीएम पर विपक्ष में फूट पड़ती दिखाई दे रही है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने साफ तौर पर कहा है कि ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। क्योंकि आजादी के बाद कई सालों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ में होते थे, कोई दिक्कत नहीं थी। कांग्रेस ने आपातकाल लगाया था। भाजपा की सरकार में क्या ऐसा कुछ देखने को मिला। इसलिए अब समय आ गया है कि वन नेशन वन इलेक्शन होना चाहिए। इसके होने से आचार संहिता नहीं लगेगी। इस बिल के होने से देश प्रगति करेगा।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा, “हम ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के सिद्धांत का स्वागत करते हैं। देश में कम चुनाव होने चाहिए। अगर आप संयुक्त राज्य अमेरिका का उदाहरण लें, तो वहां संसदीय चुनाव हर दो साल में होते हैं और गवर्नर चुनाव चार साल बाद होते हैं। देश में स्थिरता रहती है। सरकार चलाने वाले राजनेताओं को राजनीति पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी। वह सरकार चलाने पर ध्यान दे सकते हैं। आने वाले दिनों में हमें भी पता चलेगा कि इस बिल में क्या प्रावधान है। उसके बाद हम अपनी औपचारिक भूमिका स्पष्ट करेंगे।
ईवीएम पर टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने कहा है कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही कहा है कि यूपी में लोकसभा की सभी 80 सीट जीतेंगे, तब भी बैलेट पेपर की मांग करेंगे। अभिषेक बनर्जी क्या कह रहे इसके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। क्योंकि, यह उनकी राय है।
वहीं, भाजपा सांसद सीपी जोशी ने कहा है कि जहां नेतृत्व की क्षमता का अभाव होता है, वहां इस तरह की बाते होती हैं। जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक है और चुनाव हारते हैं तो ईवीएम खराब है। ईवीएम खराब नहीं है, इनकी सोच खराब है। इनके नेतृत्व में खराबी है, उसे ठीक करना चाहिए। जनता का मिजाज किस ओर है, इसे देखना चाहिए। अभिषेक बनर्जी ने जो कहा है, वह ठीक है।
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