पर्यटन विभाग ने कांगड़ा जिले में गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की समयावधि अगले वर्ष 30 जून तक बढ़ा दी है।
प्रधान सचिव (पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन) देवेश कुमार ने कल इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विशेषज्ञ समूह द्वारा प्रस्तुत सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी न होने के कारण समाप्त न हो जाए।
भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिनियम, 2013 की धारा 11 के अनुसार, यदि सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट के मूल्यांकन की तिथि से 12 महीनों के भीतर भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी नहीं किया जाता है, तो रिपोर्ट समाप्त मानी जाएगी। विशेषज्ञ समूह ने गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार हेतु भूमि अधिग्रहण के संबंध में सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट 5 जून, 2023 को प्रस्तुत की थी।
हिमाचल सरकार बोइंग विमानों की लैंडिंग की सुविधा के लिए गग्गल हवाई अड्डे का विस्तार करने को इच्छुक है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हवाई अड्डे का वर्तमान रनवे 1,376 मीटर लंबा है और बड़े विमानों की लैंडिंग की सुविधा के लिए इसे लगभग 3,010 मीटर तक विस्तारित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत लगभग 1,900 करोड़ रुपये होगी और इसमें से 410 करोड़ रुपये ग्रामीणों को उनकी अधिग्रहित भूमि के लिए पहले ही भुगतान किए जा चुके हैं।
इस परियोजना के लिए 14 गाँवों (कांगड़ा जिले की कांगड़ा तहसील के 10 गाँव और शाहपुर तहसील के चार गाँव) की कुल 122 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। सरकार की 26 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि का भी अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसके लिए उपयुक्त सरकारी एजेंसी को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 11 के अंतर्गत अधिसूचना जारी करनी होगी।
संबंधित प्राधिकारियों ने गग्गल हवाई अड्डे के आसपास के नौ गांवों में आवश्यक भूमि का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पहले ही अधिग्रहित कर लिया है।