उत्तर प्रदेश में प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षणों का बोलबाला बना हुआ है, तथा इस वर्ष अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की गई अंतर-राज्यीय पीएनडीटी छापों में से 60 प्रतिशत छापे अकेले इसी राज्य में मारे गए।
सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष (जनवरी से 18 दिसंबर तक) हरियाणा के बाहर कुल 33 सफल छापे मारे गए और इनमें से 20 छापे उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मारे गए।
सूत्रों ने दावा किया, “इनमें से आठ छापे यूपी के गुरुग्राम स्वास्थ्य अधिकारियों ने मारे, जबकि सोनीपत में सात छापे मारे गए। रोहतक में दो छापे मारे गए, जबकि इस साल अब तक झज्जर, पानीपत और कुरुक्षेत्र में एक-एक पीएनडीटी छापा मारा गया। यूपी के अलावा राजस्थान, दिल्ली और पंजाब उन राज्यों में शामिल हैं, जहां इस साल अंतर-राज्यीय लिंग निर्धारण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।”
गौरतलब है कि रोहतक और झज्जर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक महीने के भीतर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, शामली और बागपत जिलों में तीन सफल छापे मारे और वहां लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ करने में कामयाब रहे।
रोहतक स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को बागपत जिले में छापेमारी कर इस मामले में सफलता हासिल की। स्वास्थ्य टीम ने न केवल अपराध में इस्तेमाल की गई पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन जब्त की, बल्कि इस अवैध कृत्य में शामिल पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया।
रोहतक के सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंदर ने बताया, “हमने स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई और यूपी में छापेमारी की। हमें सूचना मिली थी कि यहां प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण किया जाता है और इस रैकेट के कुछ दलाल भी इलाके में सक्रिय हैं। हमने एक फर्जी ग्राहक तैयार किया और एक दलाल से 65,000 रुपये में सौदा तय किया। यह रकम किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई।”
उन्होंने बताया कि बुधवार को दलाल ने फर्जी ग्राहक को पहले पीरागढ़ी (दिल्ली) ले गया, जहां से वे गाजियाबाद (यूपी) पहुंचे। दलाल ने कार बदली और फर्जी ग्राहक को बागपत जिले के सरूरपुर कलां गांव के एक घर में ले गया, जहां एक व्यक्ति ने पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करके फर्जी ग्राहक का अल्ट्रासाउंड परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इसके बाद उसने फर्जी ग्राहक को उसके अजन्मे बच्चे के लिंग के बारे में बताया।
सिविल सर्जन ने बताया, “इस बीच हमारी टीम ने स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद से वहां छापा मारा और दो महिलाओं समेत पांच लोगों को मौके से ही पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान रोहतक की एक महिला आयुष डॉक्टर का भी रैकेट चलाने वालों से संबंध पाया गया, इसलिए उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।”
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य टीम में डॉ. विश्वजीत राठी (नोडल अधिकारी, पीएनडीटी), डॉ. विशाल चौधरी और डॉ. मोहित गिल (चिकित्सा अधिकारी), डॉ. संजीव मलिक (एसएमओ), डॉ. विकास सैनी (डेंटल सर्जन), डॉ. विजय (एएमओ), रंजीत (एमपीएचडब्ल्यू), दीपक शर्मा (आईए), जोगिंदर, हेड कांस्टेबल राजेश बलहारा और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
इस बीच, रोहतक के उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि एक महीने के भीतर दो सफल पीएनडीटी छापे न केवल इस अवैध कृत्य में संलिप्त लोगों को हतोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होंगे, बल्कि रोहतक जिले में लिंग अनुपात में भी सुधार होगा।
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