आपातकाल लागू होने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और उस पर संविधान के मूल्यों को लगातार कमजोर करने का आरोप लगाया तथा कहा कि वह संविधान का संरक्षक होने का दिखावा करती है।
बुधवार को करनाल में आयोजित ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम सैनी ने कहा, “संविधान के मूल मूल्यों को कमजोर करना कांग्रेस के डीएनए में है, भले ही वे इसके रक्षक होने का दिखावा करते हों।”
उन्होंने इसकी तुलना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से करते हुए दावा किया कि देश ने 2014 से संवैधानिक सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन किया है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 11 वर्षों में सच्चा संवैधानिक शासन देखा है। लोगों ने वास्तव में स्वतंत्र भारत देखा है।”
25 जून 1975 की रात को याद करते हुए सैनी ने आपातकाल को भारत के लोकतंत्र में एक “काला अध्याय” बताया। उन्होंने कहा, “निर्दोष नागरिकों को गिरफ्तार किया गया और उन पर अत्याचार किया गया। यह क्रूरता आज भी हमारे रोंगटे खड़े कर देती है,” उन्होंने इसे अहंकार से प्रेरित एक जानबूझकर की गई राजनीतिक साजिश बताया।
“आपातकाल के दौरान एक बार भी संविधान या लोकतंत्र को याद नहीं किया गया। असहमति जताने वाले लेखकों और नेताओं को जेल में डाल दिया गया।”
सैनी ने अपनी आलोचना को पुख्ता करने के लिए ऐतिहासिक शख्सियतों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “जब भारत को आजादी मिली, तो सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 रियासतों का एकीकरण किया। केवल एक को पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया और इसके परिणाम सभी जानते हैं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए सैनी ने कहा, “उनके युवराज ने एक बार लोकतंत्र के मंदिर संसद में खड़े होकर संविधान का अपमान करते हुए एक विधेयक को फाड़ दिया था। आज की पीढ़ियां जो संविधान की रक्षा की बात करती हैं, उन्होंने कभी इसका सम्मान नहीं किया।”
उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में परमिट प्रणाली का विरोध किया था और “एक संविधान, एक राष्ट्राध्यक्ष और एक राष्ट्रीय ध्वज” के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे।
सैनी ने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जिन्होंने अनुच्छेद 370 को समाप्त किया और डॉ मुखर्जी के सपने को पूरा किया।’’
कांग्रेस के दौर की सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत ने आजादी के बाद जिस गति से प्रगति करनी चाहिए थी, वह नहीं की। कांग्रेस के 55 साल के शासन और प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल के शासन के बीच का अंतर बहुत बड़ा है।”
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