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महिला आयोग ने घरेलू हिंसा और शारीरिक शोषण रोकथाम अधिनियम, 2013 के बारे में छात्राओं में जागरूकता बढ़ाई

पंजाब राज्य महिला आयोग ने घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम 2005 तथा कार्यस्थल पर शारीरिक दुर्व्यवहार निवारण अधिनियम 2013 के बारे में छात्राओं में जागरूकता बढ़ाई।

मोहाली के रतन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आज के कार्यक्रम के दौरान पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती राज लाली गिल ने छात्राओं को जानकारी देते हुए कई कठिनाइयों से बचने के लिए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 और कार्यस्थल पर महिलाओं के शारीरिक शोषण की रोकथाम अधिनियम, 2013 को पूरे देश में लागू किया है, जो महिलाओं को सशक्त बनाने में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित महिलाएं ही होती हैं और उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी सहायता और उपायों के बारे में जानकारी दी।

श्रीमती लाली गिल ने बताया कि पंजाब सरकार ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की सहायता के लिए राज्य भर में सखी वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए हैं, ताकि उन्हें कानूनी सहायता प्रदान की जा सके।

इस अवसर पर उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के शारीरिक शोषण की रोकथाम अधिनियम 2013 के बारे में बताते हुए कहा कि यह अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष शारीरिक शोषण से बचाता है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उक्त अधिनियम के तहत एक समिति का गठन किया जाना आवश्यक है, जिसके समक्ष ऐसी घटना होने पर शिकायत की जा सके।

पंजाब बाल अधिकार आयोग के उपनिदेशक श्री राजविन्दर सिंह गिल ने बच्चों के अधिकारों के बारे में जानकारी साझा की।

इस अवसर पर श्रीमती राज लाली गिल ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की श्रीमती रूपिंदर पाल कौर ने घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के शारीरिक शोषण की रोकथाम अधिनियम, 2013 पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर जिला प्रोग्राम अधिकारी मोहाली गगनदीप सिंह, सीडीपीओ, सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी वर्कर व नर्सिंग कॉल की छात्राएं उपस्थित थीं।

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