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चौथी गोरखा राइफल्स ने अपनी रेजिमेंट का पुनर्मिलन मनाया

4th Gorkha Rifles celebrates the reunion of its regiment

चतुर्थ गोरखा राइफल्स (4जीआर) ने 26-27 अक्टूबर को चंडीगढ़ के पास सुबाथू में 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र में अपने रेजिमेंटल पुनर्मिलन का आयोजन किया, जिसमें वीरता और बलिदान की 167 वर्षों की विरासत को मनाने के लिए सैनिकों, दिग्गजों और उनके परिवारों की कई पीढ़ियां एक साथ आईं।

भारत और नेपाल से 500 से ज़्यादा सेवारत अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार के सदस्य इस पुनर्मिलन समारोह में शामिल हुए, जो चार साल में एक बार आयोजित किया जाता है। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह, बारा-खाना, गोरखा राइफल्स की समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक विशेष सैनिक सम्मेलन और एक वार्षिक पुस्तिका का विमोचन भी आयोजित किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए पश्चिमी कमान के सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने सभी रैंकों से रेजिमेंट की परंपरा और लोकाचार को बनाए रखने का आह्वान किया।

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इस अवसर पर गोरखा बिरादरी को शुभकामनाएं देते हुए चौथी गोरखा राइफल्स के कर्नल मेजर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि इस रेजिमेंट का इतिहास गौरवशाली है, जिसने स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्र भारत में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों और अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाई है।

यह पुनर्मिलन रेजिमेंट के सदस्यों के लिए अपने गौरवशाली अतीत पर चिंतन करने तथा साझा गौरव और उद्देश्य के साथ भविष्य की ओर देखने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

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