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जींद एसपी का तबादला करें या छुट्टी पर भेजें सरकार: पैनल

Government should transfer Jind SP or send him on leave: Panel

हरियाणा राज्य महिला आयोग (एचएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ने राज्य सरकार से सिफारिश की है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते जींद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुमित कुमार, जो एक आईपीएस अधिकारी हैं, को या तो छुट्टी पर भेज दिया जाए या उनका तबादला कर दिया जाए।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर चार पन्नों का एक पत्र वायरल हुआ था। इसमें जींद एसपी पर यौन शोषण के आरोप थे और साथ ही यह भी कहा गया था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित एक गिरोह अमीर लोगों को झूठे बलात्कार के मामलों में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठने का काम कर रहा है। बाद में पुलिस ने पत्र के आधार पर फतेहाबाद एसपी आस्था मोदी को जांच सौंपी थी।

आरोपों का संज्ञान लेते हुए, एचएससीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा, जिसमें एसपी आयोग के समक्ष पेश हुए। जांच अधिकारी मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पैनल के समक्ष पेश हुए।

एचएससीडब्लू की अध्यक्ष ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मैंने 7 दिसंबर को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया है।”

उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यों पर विचार करने के बाद आयोग ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि या तो जींद एसपी को मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया जाए या जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाए।’’ उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए यह महत्वपूर्ण है।

भाटिया ने कहा, “फिलहाल हम जांच समिति से संतुष्ट हैं। समिति ने जींद जिले की 19 महिला पुलिसकर्मियों से मुलाकात की है। जिले में 140 महिला पुलिसकर्मी हैं और हम चाहते हैं कि निष्पक्ष जांच के लिए उन सभी को जांच में शामिल किया जाए।”

आयोग के समक्ष पेश हुए जींद एसपी ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ये सभी आरोप झूठे हैं। एसपी ने कहा कि फतेहाबाद एसपी के समक्ष पेश हुईं 19 महिला पुलिसकर्मियों ने भी आरोपों से इनकार किया है।

इस बीच, जींद पुलिस ने मामले के सिलसिले में एक स्थानीय सोशल मीडिया चैनल के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जींद महिला थाने की एसएचओ मुकेश रानी ने शिकायत दर्ज कराई है कि चैनल के एडमिनिस्ट्रेटर ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोपों वाली पोस्ट अपलोड की है। एसएचओ ने आरोप लगाया कि इन पोस्ट का उद्देश्य जबरन वसूली करना और अधिकारियों को बदनाम करना था।

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