विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने आज कहा कि विधानसभा के अंदर आचरण के लिए नौ भाजपा विधायकों को सदन की अवमानना के लिए दिए गए नोटिस के मुद्दे पर फैसला किया जाएगा, लेकिन इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है।
आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए पठानिया ने कहा कि नौ विधायकों को दिए गए नोटिस पर फैसला लंबित है। पठानिया ने कहा, “यह एक बेंचमार्क फैसला होगा क्योंकि यह पहली बार है कि नौ भाजपा विधायकों के खिलाफ सदन की अवमानना का ऐसा मामला दर्ज किया गया है, जिस पर उचित समय में फैसला किया जाएगा।”
स्पीकर ने कहा कि सभी नियमों और विनियमों के साथ एक विशेषाधिकार समिति है, लेकिन सदन की अवमानना का मामला अपनी तरह का पहला मामला है। उन्होंने कहा, “अभी हमारे पास इस सदन के तीन साल और बचे हैं और इस मामले में निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा नहीं है।”
पठानिया ने यह भी पुष्टि की कि भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया था, जिसका उन्होंने जवाब दे दिया है।
पठानिया ने हिमाचल विधानसभा का विशेष सत्र बंद कमरे में बुलाए जाने की भी वकालत की ताकि राज्य हित के मुद्दों पर चर्चा की जा सके जिसके लिए नियम हैं। उन्होंने कहा, “मैं विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर से व्यक्तिगत रूप से बात करूंगा।”
पठानिया ने बताया कि इस वर्ष विधानसभा में कुल 27 बैठकें होंगी। इसमें बजट सत्र में 12 बैठकें, मानसून सत्र में 11 बैठकें तथा धर्मशाला के तपोवन में 18 से 21 दिसंबर तक होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान चार दिवसीय सत्र शामिल है।
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